scriptविज्ञान को समझने के लिए करें अभ्यास | practice To understand the science | Patrika News
ग्वालियर

विज्ञान को समझने के लिए करें अभ्यास

प्रमाणिक तरीके से सत्य जानने के ज्ञान को विज्ञान कहा जाता है। बिना विज्ञान के हम दुनिया के साथ नहीं दौड़ सकते।

ग्वालियरSep 09, 2016 / 01:40 am

rishi jaiswal

workshop photo

workshop photo

ग्वालियर. प्रमाणिक तरीके से सत्य जानने के ज्ञान को विज्ञान कहा जाता है। बिना विज्ञान के हम दुनिया के साथ नहीं दौड़ सकते। इसलिए बच्चे स्कूल स्तर से ही प्रयोगशालाओं में जाकर सत्य को समझने की कोशिश करें। यह बात मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कही। मौका था सरस्वती शिशु मंदिर बादलगढ़ में गुरुवार को वैज्ञानिक सोच का विकास विषय में आयोजित कार्यशाला का। कार्यक्रम में उन्होंने स्कूल में फर्नीचर आदि के लिए एक लाख रूपए की धनराशि देने की घोषणा की।
आदि काल से हम हैं विज्ञान के ज्ञाता : कार्यक्रम में मंत्री पवैया ने कहा कि भारत में सदियों से वैज्ञानिक सोच रही है। उन्होंने त्रेतायोग में भगवान राम द्वारा श्रीलंका से अयोध्या आने के लिए पुष्पक विमान का उदाहरण दिया। साथ ही कहा कि भारत में आयुर्विभान व आयुर्वेद जैसे वैज्ञानिक ग्रेंथों की स्थापना हजारों साल पहले हुई है। चावार्त ल च्यवन ऋषि जैसे आयुर्वेदाचार्य शल्य चिकित्सा में निपुण थे। कार्यशाला में मुखय वक्ता प्रो.दिनेश तिवारी ने कहा कि विज्ञान में पारंगत होने के लिए बच्चों को लेबोरेटरी में नियमित प्रयोग करने की आदत डालनी चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन के अध्यक्ष प्रभूदयाल गुप्ता व सुनील दीक्षित उपस्थित रहे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो