अहमदाबाद। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने निरमा विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय सेना के ‘नो योर आर्मी’ कार्यक्रम के नाम को लेकर सुझाव दिया तो उसका क्रियान्वयन करने में सेना ने पलभर की भी देर नहीं लगाई।
इधर रक्षामंत्री ने कहा कि उनका सुझाव है कि इस कार्यक्रम का नाम ‘नो योर आर्मी’ की जगह ‘नो अवर आर्मी’ (हमारी सेना को जानो) होना चाहिए। तो उधर इस कार्यक्रम के तहत निरमा विवि परिसर में लगाए गई शस्त्र, बैंड प्रदर्शनी के प्रमुख प्रवेश द्वार पर लिखे ‘नो योर आर्मी’ से ‘वाई’ को तत्काल हटा दिया गया। ऐसा करने से ‘नो योर आर्मी’ कार्यक्रम का नाम नो अवर आर्मी बन गया। हालांकि हटाया गया वाई शब्द पास से साफ दिखाई दे रहा था।
यहां सेना के जवानों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। गायकी और पाकविद्या दर्शाने के साथ विकट परिस्थितियों में वे किस प्रकार से देश की रक्षा करते हैं, उसकी झांकी भी दिखाई। बैंड के साथ जवानों ने अपने स्वरीले गानों के जरिए भी विद्यार्थियों का मन मोह लिया।
नई शोध से सेना को आधुनिकता का कवच दें विद्यार्थीः सीएम
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि भारत को महासत्ता बनाने के लिए युवाओं-विद्यार्थियों को अपने ज्ञान, शोध के जरिए सेना व सुरक्षाबलों को आधुनिकता का कवच प्रदान करना चाहिए।
रुपाणी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना है। अब राज्य में घुसपैठ को रोकने के लिए पाकिस्तान से सटी सीमा पर तारबंदी का काम तेजगति से किया जा रहा है। इस मौके पर गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा, निरमा विवि के अध्यक्ष करसन पटेल, महापौर गौतम शाह, मुख्य सचिव जे.एन.सिंह, प्रभारी पुलिस महानिदेशक पी.पी.पांडेय, आर्मी के अधिकारी व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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