कोर्ट ने कहाकि सजा माफी का अधिकार राज्यों को नहीं है, केन्द्र को ही सजा माफी का अधिकार है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की जेल से रिहाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में फैसला देते हुए कहाकि हत्यारों की रिहाई नहीं होगी। सजा माफी का अधिकार राज्यों को नहीं है। केन्द्र को ही सजा माफी का अधिकार है। कोर्ट ने साफ किया कि उम्रकैद का मतलब ताउम्र जेल में रहना ही है।
कोर्ट ने साथ ही आदेश दिया कि जिन मामलों की जांच केन्द्रीय एजेंसियां करेंगी उन मामलों में कैदियों की रिहाई के लिए राज्यों को केन्द्र की इजाजत लेना जरूरी होगा। राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा पाए सभी दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार की ओर से दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने यह फैसला दिया। तमिलनाडु सरकार ने मौत की सजा पाए संथन, मुरुगन, पेरारीवलन और उम्रकैद की सजा पाए नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, रविचन्द्रन और जयकुमार को रिहा करने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाकर मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को भेज दिया था। कोर्ट ने सारे राज्यों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था और फैसला आने तक उम्रकैद के कैदियों को रिहा न करने के आदेश दिए थे।