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मजहब व्यक्तिगत मामला, पहचान भारतीय के रूप में हो : ज्योतिरादित्य

Published: Nov 28, 2015 12:41:00 pm

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश को धर्म, जाति या वर्ग के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए

Jyotiraditya Scindia

Jyotiraditya Scindia

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक निष्ठा उसका निजी मामला होना चाहिए और उसकी पहचान सबसे पहले एक भारतीय के रूप में होनी चाहिए। सिंधिया ने कहा, मैं हिंदू हूं। मेरी शादी हिंदू लड़की से हुई है, लेकिन मेरा धर्म मेरे लिए व्यक्तिगत है। उन्होंने कहा कि अपनी निष्ठा वह किसी और पर नहीं थोपेंगे।

भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर ‘संविधान के प्रति प्रतिबद्धता’ पर लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि लोग पहले भारतीय के रूप में पहचाने जाएं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश को धर्म, जाति या वर्ग के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘सेकुलरिज्म’ शब्द के प्रति असहजता महसूस करती है और मंत्री बेतुकी टिप्पणियां करने को उत्साहित हो रहे हैं, जिससे देश में विभिन्न समुदायों के बीच शांति भंग हो सकती है। दादरी (उत्तर प्रदेश) में हुई घटना की ओर इशारा करते हुए सिंधिया ने कहा कि इसका फैसला सरकार नहीं करेगी कि लोग क्या खाएं या क्या पहनें। दादरी में गोमांस पकाने व खाने का आरोप लगाकर भीड़ ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्याकर दी थी।

मुसलमानों पर टिप्पणी के लिए उन्होंने असम के राज्यपाल पी.बी. आचार्य की भी आलोचना की। राज्यपाल ने कहा था, भारतीय मुसलमान कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं। कुछ यहां भी हैं, कुछ पाकिस्तान चले जाएं। सिंधिया ने कहा कि देश में बचा क्या है, जब एक राज्यपाल इस तरह का बयान दे सकते हैं।

उन्होंने कहा, अगर हम चाहते हैं कि हमारा देश स्वतंत्र रहे, तो हमें धर्म व संस्कृति में मुक्त होना होगा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह किसी को सांप्रदायिक टिप्पणी करने की मंजूरी न दे, क्योंकि इससे देश के विकास में बाधा पहुंचेगी।

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