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जरूरी खबर: पासपोर्ट के नियम हुए और आसान, अब परेशानी नहीं 

साधु-संन्यासियों को अभिभावक की जगह उनके आध्यात्मिक गुरू का नाम लिखने की छूट दे दी गई है

Dec 24, 2016 / 12:41 am

जमील खान

Passport

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पासपोर्ट के नियमों को और लचीला बना दिया है। इसके तहत अब आवेदन करने वालों को को किसी भी डॉक्युमेंट को नोटरी या न्यायिक मजिस्ट्रेट के सत्यापित रूप में देने की जरूरत नहीं होगी। सादे कागज पर डॉक्युमेंट प्रिंट करके देना मान्य होगा। साधु-संन्यासियों को माता-पिता के नाम की जगह आध्यात्मिक गुरू का नाम लिखने की छूट दी गई है। इतना ही नहीं बर्थ सर्टिफिकेट के तौर पर कई और डॉक्युमेंट देने की छूट भी दी गई है। बता दें कि विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने गुरुवार को नए पासपोर्ट नियमों को जारी किया। 

विदेश मंत्रालय ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक समिति की सिफारिशों और दूसरे वर्गों से विचार-विमर्श के आधार पर नए नियम बनाए हैं। बता दें कि अब जन्मतिथि के लिए आधार एवं ई-आधार कार्ड, भारतीय जीवन बीमा निगम या अन्य कंपनियों के पॉलिसी बॉण्ड या बीमा दस्तावेज को मान्य दस्तावेज का दर्जा दिया गया है। अब पासपोर्ट में लोगों को अपने माता और पिता दोनों के नाम की जगह किसी एक का ही नाम लिखना होगा। 



अब नहीं देना होगा मैरिज सर्टिफिकेट 

पासपोर्ट के आवेदन में अनुलग्नकों की संख्या 15 से घटा कर नौ कर दी गई है। सभी अनुलग्नकों को अब नोटरी/न्यायिक मजिस्ट्रेट के शपथपत्र की बजाय एक सादे कागज पर लिख कर या प्रिंट करके देना होगा। शादी-शुदा लोगों को मैरिज सर्टिफिकेट नहीं देना होगा। तलाकशुदा लोगों को अपने जीवनसाथी का नाम देना जरूरी नहीं रहेगा। अनाथ बच्चों की जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में अगर मेट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र या अदालत का प्रमाणपत्र नहीं है तो अनाथालय के प्रमुख द्वारा उनके आधिकारिक लेटरहैड पर लिख कर देना भी प्रमाण माना जाना जाएगा। 

गोद लिए बच्चों के लिए भी बदले नियम 

विवाह बंधन के बाहर जन्म लेने वाले बच्चों के लिए केवल अनुलग्नक जी देना होगा। गोद लिए गए बच्चों के लिए अभिभावकों को एक सादे कागज पर शपथपत्र देना होगा। सरकारी कर्मचारी जो अनुलग्नक बी या अनुलग्नक एम हासिल करने में असमर्थ हैं तो उन्हें अनुलग्नक एन देना होगा। साधु सन्यासियों ने सरकार से आग्रह किया था कि उनके अभिभावक की जगह उनके आध्यात्मिक गुरु का नाम लिखने की छूट दी जाए। 

सरकार ने मानी संन्यासियों की बात 

सरकार ने उनकी बात मान ली अभिभावक की जगह उनके गुरु का नाम लिखा है तो उसके आधार पर पासपोर्ट में उनके माता-पिता की जगह आध्यात्मिक गुरु का नाम दर्ज करने की छूट दे दी है। नए नियम जल्द ही अधिसूचित किए जाएंगे। नए नियमों की जानकारी सभी पासपोर्ट अधिकारियों एवं कार्यालयों और मिशनों को भेज दी गई है।

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