उज्जैन। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के बाद साईं विवाद को लेकर अब शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने साईं को मुस्लिम कुल में पैदा होने की बात कहते हुए साई की प्रतिमा पहले मस्जिदों में स्थापित कराने बात कही। शंकराचार्य के मुताबिक किसी को उनके प्रति आस्था है, तो वह अपने घर में मूर्ति रखकर पूजा करें, मंदिर में न रखें।
श्री गोवर्धनमठ पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बुधवार को मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के साईं पर दिए बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि साईं मुस्लिम के रूप में घोषित हुए हैं। उनके भक्तों का दायित्व है कि सबसे पहले मस्जिद में उनकी मूर्ति स्थापित करें। शंकराचार्य ने कहा कि सनातन देव मंदिरों में केवल अवतार ही पूजे जा सकते हैं। हिंदू धर्म में केवल पांच देव हैं, जिन्हें मंदिरों में रखा जा सकता है।
राम मंदिर कैसे बनेगा?
शंकराचार्य ने राम मंदिर निर्माण नहीं होने के पीछे नेताओं की कमजोरी बताई। उन्होंने कहा कि देश में अब ऐसे नेता नहीं रहे, जो राम मंदिर बनवा सके। उनके मुताबिक देश में मंगल पांडे, सुभाषचंद्र बोस व सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे लोगों की जरूरत है। आजादी के बाद देश के बंटवारे पर जिस तरह नेताओं ने सूझबूझ दिखाई थी, अब ऐसे नेता नहीं दिखाई देते, इसलिए अब राम मंदिर बनना संभव नहीं दिखता।
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