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कुलकर्णी के चहरे पर स्याही पोतने के आरोप में 6 शिवसैनिक गिरफ्तार

स्याही पोतने की घटना उस वक्त हुई, जब कुलकर्णी मुंबई में सायन स्थित अपने घर से निकल रहे थे

Oct 13, 2015 / 12:38 am

जमील खान

Kulkarni Kasuri

Kulkarni Kasuri

मुंबई। मुंबई पुलिस ने पूर्व पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी के चहरे पर स्याही पोतने के आरोप में शिवसेना के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। कुलकर्णी पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन के कार्यक्रम के मुख्य आयोजक थे। जिन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, वे हैं गजानन पाटिल, दिनेश प्रसाद, अशोक वाघमारे, प्रकाश हस्बे, समाधान जुगदाव और वेंकटेश नायर।

कुलकर्णभ् पर यह हमला सोमवार सुबह हुआ जिसकी कड़ी निंदा की गई थी। शिव सेना ने हमले को सही ठहराते हुए कहा था कि वह कार्यक्रम को होने नहीं देगी। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अपील के बाद पार्टी ने अपना विरोध वापस ले लिया था।

हालांकि, मुख्यमंत्री ने शिव सेना के इस कदम की निंदा करते हुए कहा था कि मैं कसूरी का समर्थन नहीं कर रहा हूं, लेकिन ऎसी हरकतों से प्रदेश का नाम खराब होता है। हमें कानून का सम्मान करना होगा। हम शांति का रास्ता अपनाकर भी विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।

गौरतलब है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक व पूर्व पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी के चहरे पर स्याही पोत दी, फिर भी कड़ी सुरक्षा बीच तय कार्यक्रम होकर रहा।

इस घटना की चहुंओर निंदा हुई। देश के अधिकांश राजनीतिक दलों ने इस घटना की तीखी निंदा की। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपनी सहयोगी शिवसेना की निंदा करने में पीछे नहीं रही। राज्य में भाजपा व शिवसेना की गठबंधन सरकार है। शिवसेना की चुनौती को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वस्त किया कि सुरक्षा के बीच कार्यक्रम का आयोजन होगा और कसूरी को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

राज्य सरकार ने आयोजन स्थल वर्ली के नेहरू सेंटर में कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की, जहां पुस्तक “नाइदर ए हॉक नॉर ए डोव : एन इंसाइडर अकाउंट ऑफ पाकिस्तान्स फॉरेन पॉलिसी” का विमोचन बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

स्याही पोतने की घटना उस वक्त हुई, जब कुलकर्णी मुंबई में सायन स्थित अपने घर से निकल रहे थे। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोत दी और उन्हें पुस्तक विमोचन कार्यक्रम रद्द करने के लिए कहा।

खुर्शीद की किताब “नाइदर ए हॉक, नॉर अ डोव : एन इनसाइडर्स एकाउंट ऑफ पाकिस्तान्स फॉरेन पॉलिसी” का विमोचन होना था, जिस पर शिवसेना ने आपत्ति जताई थी। कुलकर्णी ने शिवसेना का नाम लेते हुए कहा था कि उसने नेहरू सेंटर को आयोजन को रद्द करने के लिए कहा था और चेताया था कि ऎसा नहीं करने पर वे शिवसेना की श्ौली में विरोध करेंगे।

स्याही पोतने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुलकर्णी ने संवाददाताओं से कहा, शिवसेना को इस तरह किसी कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है। हम सैद्धांतिक कदम उठाएंगे और इस समारोह को रद्द नहीं करेंगे।

घटना के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कसूरी ने कहा, कुलकर्णी पर हुए हमले से मैं बेहद दुखी और नाखुश हूं। मैं उन्हें वर्षो से जानता हूं। मैं इसकी निंदा करता हूं। विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए और उन लोगों को विरोध के तरीके में बदलाव लाना चाहिए।

कसूरी ने कहा, मैं शांति का पैगाम लेकर आया हूं। दोनों देशों की अधिकांश आबादी अमन चाहती है। लेकिन कुछ ऎसे भी लोग हैं, जो भारत-पाकिस्तान के बीच अमन नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि भारत-पाकि स्तान के बीच रिश्ते मजबूत होने से दोनों देशों की जनता को लाभ होगा।

कसूरी ने पिछले दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्तों में आई प्रगति का भी जिक्र किया। घटना की कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राका ंपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व अन्य मीडिया समूहों ने आलोचना की है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोगों ने गुस्सा जताया है।

कुलकर्णी ने समारोह के आयोजन को लेकर शनिवार रात शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें इस तरह का कोई आश्वासन नहीं मिला कि कार्यक्रम में किसी तरह की बाधा नहीं डाली जाएगी। इस बीच, शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, पाकिस्तान के खिलाफ लोगों का गुस्सा कब किस रूप में कहां फूटेगा, इस बारे में पहले से बताना मुश्किल है।

भारत द्वारा भारत विरोध किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त न करने की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, विदेश मंत्री रहते हुए कसूरी ने भारत के खिलाफ काम किया। उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादियों को आमंत्रित किया और भारत के खिलाफ एकजुट होने को उकसाया। ये वही कसूरी हैं, जिनका हम रेड कार्पेट पर स्वागत कर रहे हैं।

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