2017 के राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने वाले सांसद और विधायक अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी को पहचानने में पूर्ण विराम और कॉमा के कारण उलझन में आ गए।
नई दिल्ली। 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने वाले सांसद और विधायक अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी को पहचानने में पूर्ण विराम और कॉमा के कारण उलझन में आ गए। पूर्ण विराम और कॉमा के कारण 21 सांसदों और 56 विधायकों के वोट खारिज कर दिए गए। इसके कारण राजनीतिक दल बहुत चिंतित हैं। इस आधार पर 77 वोट जिनके मूल्य 20,942 हैं, बेकार हो गए। इन मतों का परिणाम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसके कारण एनडीए के उम्मीदवार
रामनाथ कोविंद 3.67 लाख (वोटों के मूल्य) से आसानी से चुनाव जीत गए। 2009 में जब यूपीए ने लोकसभा चुनाव जीत लिया था तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राजनीति में कोई फुल स्टॉप नहीं होता।
100 से अधिक विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की
एनडीए और विपक्ष दोनों इस बात के लिए चिंतिंत रहे कि अनजान त्रुटियों के कारण कैसे 77 वोट अवैध हो गए। 100 से अधिक विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और इनके वोट वैध पाए गए।
गलत समझ से दिए वोट हुए अवैध
20 जुलाई को मतगणना में लगे अधिकारियों ने बताया कि बैलेट पेपर पर गलती से मतदाताओं ने पूर्ण विराम, अवतरण कॉमा, वृत्त जैसी आकृतियां बना दीं, इसके कारण इनके वोट अवैध घोषित कर दिए गए। इन मतदाताओं ने समझा था कि
रामनाथ कोविंद या मीरा कुमार के नाम के सामने के बने बॉक्स में अंकों में 1 लिखकर वे अपनी पहली प्राथमिकता का वोट देंगे और बाईपोलर चिन्ह बनाकर दूसरी प्राथमिकता का वोट देंगे।
डॉट लिखा, वोट अवैध हो गया
हरियाणा के एक कांग्रेस एमएलए ने अंकों में 1 लिखकर डॉट लिखा, उनका वोट अवैध हो गया। मतगणना में लगे लोगों ने बताया कि 77 विधायकों में से अधिकतर ने भी यही गलती की। दूसरी सबसे ज्यादा गलतियां “1” लिखकर की गईं। कुछ ने अंक लिखकर उसके चारो ओर वृत्त बना दिया। भाजपा का एक वोट अवैध हो गया क्योंकि मतदाता ने 30 से 40 डिग्री तक झुका हुआ 1 लिखा था, उन्होंने लंबवत स्थिति में अंक नहीं लिखा था। कांग्रेस के एक विधायक ने भी यही गलती मीरा कुमार के नाम के सामने अपने वोट की वरीयता लिखने में की। जबकि विधायकों को पहले ही क्या करना है, क्या नहीं करना है बताया जा चुका था।
इनमें से एक भी गलती हुई तो मत अवैध
संभाव्य गलतियों की सूची बहुत लंबी है। लोकसभा के महासचिव और राष्ट्रपति चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनूप मिश्रा ने बताया कि दोनों प्रत्याशियों के नाम के सामने बने बॉक्स में वरीयता क्रम लिखना था, जिन्होंने दोनों प्रत्याशियों को अपने समान वरीयता वाले वोट दिए या मोटा चिन्ह बनाया या बॉक्स के बाहर लिखा या कोई अन्य अवांछित चिन्ह बनाया, जिससे मतदाता की पहचान हो सके तो उसका वोट अवैध घोषित हो जाएगा। डॉट, रेखा या गलत रंग की स्याही से भी वोट अवैध हो जाएगा।
भाजपा की तैयारी रही बेहतर
कांग्रेस प्रत्याशी मीरा कुमार के मतगणना एजेंट दीपेंदर सिंह हूडा ने बताया कि, दोनों प्रत्याशियों के तरफ के वोट गलतियों के कारण अवैध घोषित हुए, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस के मुकाबले अच्छी तैयारी की थी। भाजपा प्रत्याशी कोविंद के मतगणना एजेंट भूपेंद्र यादव ने बताया कि चुनाव से एक दिन पहले पार्टी ने अपने विधायकों सांसदों को प्रजेंटेशन देकर वोटिंग के नियम बताए थे।