इंदौर. सोने को सोणा बनाने के लिए गोल्ड कंट्रोल और प्रॉपर्टी की कीमतों पर लगाम के लिए बेनामी संपत्ति पर हल्ला बोलने के संकेत देने के बाद से रियल एस्टेट बाजार में चमक आने लगी है।
इसकी पुष्टि पंजीयन विभाग के आंकड़े कर रहे हैं। बाजार में नोट की तंगी के बाद भी पिछले एक माह में करीब 65 करोड़ का राजस्व आया, यानी करीब 500 करोड़ से अधिक की राशि का लेन-देन प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में हुआ है। नोटबंदी के बाद बाजार में नकदी का संकट है।
यह भी पढ़ें- CA की सलाह, जेब में नहीं कैश तो डिजिटल खर्च करें अपनी मनीनोटबंदी की इस घोषणा से कई क्षेत्रों में आय में कमी आई, लेकिन पंजीयन विभाग की आय पिछले नवंबर की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक रही है। जानकारों के अनुसार विमुद्रीकरण के इस दौर में उल्लेखनीय आय होना चौंकाने वाला है। इसे सरकार की अलग-अलग घोषणाओं से भी जोड़कर देखा जा रहा है। लोग बेनामी संपत्ति को अपने नाम पर करवाने के लिए रजिस्ट्री के लिए आगे आ रहे हैं। यही कारण रहा कि नवंबर में अच्छी आय हुई।
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पिछले साल 52, इस साल 65 करोड़पंजीयन विभाग के आंकड़ें देखें तो पिछले तीन माह काफी अच्छे रहे। सिंतबर व अक्टूबर में त्योहारी माहौल के चलते अधिक राजस्व मिला था। नवंबर की शुरुआत काफी धीमी रही, लेकिन आखिर में काफी लोगों ने दस्तावेजों का पंजीयन कराया। करीब 4400 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ।
गत वर्ष 52 करोड़ की स्टाम्प डयूटी मिली थी, इस बार यह आंकड़ा 65 करोड़ से अधिक रहा है। विभागीय अफसरों का कहना है, नोटबंदी के बाद शुरुआती दिनों में तो काफी कम रजिस्ट्रियां हुईं, लेकिन बाद में इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। कुछ पुरानी रजिस्ट्रियां भी बाहर आई हैं। वरिष्ठ जिला पंजीयक बीके मोरे के अनुसार पिछले नवंबर की तुलना में अधिक राजस्व मिला है। सरकार द्वारा जिस तरह से आयकर और संपत्ति संबंधित नियमों मंे बदलाव के संकेत मिल रहे हंै, उससे प्रॉपर्टी की संपत्तियों की रजिस्ट्री की संख्या बढ़ रही है।