तमिलनाडु की लोकप्रिय सीएम जयललिता के निधन के बाद राज्य की सियासत के भविष्य पर बहस छिड़ गई है।
तमिलनाडु की लोकप्रिय सीएम जयललिता के निधन के बाद राज्य की सियासत के भविष्य पर बहस छिड़ गई है। साल 1991 में करुणानिधि को हराने के बाद जयललिता पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी थीं। तब से अब तक वे चाहे सत्ता में रहीं हो या विपक्ष में, लेकिन तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य पर लगातार छाई रहीं। उनके बिना वहां की सियासत की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
जयललिता के निधन के बाद अब अहम सवाल ये है कि राज्य की सियासत क्या करवट लेगी। ओ. पनीरसेल्वम नए सीएम बन गए हैं। लेकिन वह पार्टी और राज्य संभालने में सफल होंगे या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा। ऐसे में कोई सेकंड लाइन ही नजर नहीं आ रही है। अब इस स्थिति में यह सवाल सभी के जेहन में है कि जयललिता के बाद उनके जैसा कद्दावर कौन बन पाएगा? कोई इतना लोकप्रिय स्तर हासिल कर सकेगा? राय दें…
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