अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चुनाव निरस्त करने की मांग पर कोर्ट का भी सहारा लिया, लेकिन कोर्ट में मांग खारिज हो गई।
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को होने वाले सीनेट के चुनाव स्थगित हो गए। रविवार को भोपाल से आए आदेश के बाद आनन-फानन में चुनाव निरस्त करने की सूचना जारी की गई।
उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव वीरेन सिंह भालवी ने चुनाव स्थगित करने के आदेश जारी किए। इसका प्रमुख कारण चुनाव के लिए नए सदस्यों के कम नामांकन को बताया है। जिला प्रशासन और यूनिवर्सिटी ने चुनावों को लेकर शासन को रिपोर्ट भिजवाई थी। इसमें नए नामांकन की संख्या सहित अन्य बिंदु शामिल थे। बताया जा रहा है, यूनिवर्सिटी ने भी रिपोर्ट में माना, नए सदस्यों की संख्या कम होने से चुनाव कराना ठीक नहीं रहेगा। इसको आधार बनाते हुए सेक्शन 68 का उपयोग करते हुए सरकार ने चुनाव स्थगित किए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चुनाव निरस्त करने की मांग पर कोर्ट का भी सहारा लिया, लेकिन कोर्ट में मांग खारिज हो गई।
दिसंबर से चल रहे थे रजिस्ट्रेशन
यूनिवर्सिटी ने नए रजिस्टर्ड ग्रेजुएट को सदस्य बनाने के लिए दिसंबर 2016 से ही प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन शुरुआती चार महीने में एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। 14 अप्रैल को चुनाव कार्यक्रम जारी किया, जिसमें रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 17 अप्रैल बताई। 15 व 16 अप्रैल को अवकाश के कारण आवेदन करने के लिए एक ही दिन का समय मिला।
छात्रहित प्रभावित
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है, वर्षो बाद हो रहे चुनाव से ऐन पहले स्थगित करना राज्य सरकार की तानाशाही है। एनएसयूआई व कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी पंकज प्रजापति ने इसे शर्मनाक बताया।
उम्मीदवार भी खड़ा नहीं कर पाई एबीवीपी
सीनेट में एनएसयूआई ने करीब 30 से ज्यादा नए सदस्य बनाए। कांग्रेस की ओर से पंकज संघवी ने करीब 180 पुराने सदस्यों के आईडी तैयार करवा लिए। इधर, एबीवीपी ने उम्मीदवार ही खड़ा नहीं किया।