प्रदेश में निवेश के बाद सफलता का ग्राफ में दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। देवास, पीथमपुर, इंदौर, भोपाल, मंडीदीप, जबलपुर, ग्वालियर सहित प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में रोज ही नए बिजनेस लीडर्स नई कहानी के हीरो बनकर उभर रहे हैं।
इंदौर. सितंबर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री लंदन आए थे और उन्होंने इंदौर में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के बारे में लंदन के डिप्टी मेयर (मूलत: इंदौर के है) राजेश अग्रवाल से चर्चा की थी।
उनका प्लान सुनकर वे बेहद रोमांचित हो गए। उन्होंने बताया कि दुनियाभर में जब भी भारत में निवेश और बिजनेस सिटी या स्टेट की बात होती थी तो मुंबई, दिल्ली, बेंग्लूरु, महाराष्ट्र, गुजरात की चर्चा होती थी।
इसमें अब मध्यप्रदेश का नाम भी जुड़ रहा है और इंदौर का भी। मेरी ख्वाहिश है हर बिजनेस और इंडस्ट्री प्लेटफॉर्म पर इंदौर और मप्र की चर्चा हो। यह हो भी सकता हैं क्योंकि बीते वर्षों में बहुत कुछ सुधरा है। पहले बात भारत की। सर्विस सेक्टर में भारत ने जो नया स्ट्रक्चर दिया है, वह चकित करता है। दूसरे देश इस सेक्टर में स्थापित तंत्र को सुधार रहे थे, तभी भारत एक नया तंत्र खड़ा कर रहा था।
अब मध्यप्रदेश की चर्चा। यहां की चार विशेषताएं हैं। पहला, दूसरे राज्यों की तुलना में क्राइम रेट कम हैै। दूसरा, भारत के बीचोंबीच स्थित है, यह लॉजिस्टिक्स के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ लोकेशन है। तीसरा, इन्फ्रास्ट्रक्चर स्ट्रांग है। चौथा, जमीन उपलब्ध है। असल में ये चारों बातें ही निवेशक देखते हैं और ये मध्यप्रदेश में हैं। ऐसे में उद्योगों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित है। अब बात इंदौर की और इंदौर व लंदन की। मुझे खुशी है कि लंदन ने भारत के तीन शहरों को स्मार्ट बनाने में योगदान करने का निर्णय किया है और इन तीन शहरों में इंदौर भी शामिल है। इंदौर और लंदन शिक्षा के सेक्टर में मिलकर बड़ा कार्य कर सकते हैं। लंदन में 25 यूनिवर्सिटी हैं और इनमें से चार दुनिया की टॉप -50 में शामिल हैं। दोनों शहर मिलकर इस पर कार्य कर सकते हैं।