इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और महू विधायक कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ हाईकोर्ट में विचाराधीन चुनाव याचिका के मामले में संभागायुक्त संजय दुबे ने अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है।
चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कैलाश द्वारा मोहर्रम पर मंच से मेडल और ट्रॉफी बांटने वाली सीडी गायब होने को लेकर हाई कोर्ट ने दुबे को जांच के आदेश दिए थे। जांच में यह बात सामने आई है कि सीडी गायब होने के लिए उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष टैगोर और सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी विजय अग्रवाल दोषी हैं।
दुबे ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है टैगोर और अग्रवाल ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया था जिसके कारण उक्त सीडी कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी थी। हाई कोर्ट के आदेश पर दुबे ने जब जांच की तो वह सीडी महू के पुलिस स्टेशन में मिली है। चुनाव के समय जब अंतरसिंह दरबार ने शिकायत की थी तब उन्होंने यह सीडी थाने में भी दी थी। चुनाव अधिकारियों को भी शिकायत के साथ सीडी दी गई थी, लेकिन उन्होंने न तो इनका आवक नंबर लिखा और न जावक नंबर, इस वजह से सीडी हाई कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी।
हाई कोर्ट ने दुबे को जांच के साथ यह भी आदेश दिए थे कि वे बताएं सीडी गुम होने के पीछ कौन जिम्मेदार हैं? उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? दुबे ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है दो अफसरों के खिलाफ राज्य सूचना आयोग कार्रवाई करेगा। कैलाश के खिलाफ लगी चुनाव याचिका से जुड़ी अहम सीडी गायब होने के मामले में संभागायुक्त दुबे की यह जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद दोनों अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना तय है।
चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन एवं वोटरों को प्रभावित करने के लिए पैसे एवं शराब आदि बांटने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार ने यह याचिका दायर की है। जस्टिस जेके जैन की कोर्ट में दरबार के गवाहों के बयान पूरे हो चुके हैं और सात नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में कैलाश विजयवर्गीय को बयान देने के लिए उपस्थित होना है। बचाव पक्ष की ओर से कुल 17 गवाहों के बयान होना हैं, शुरुआत विजयवर्गीय से होगी।