पुलिस के इस अभियान को शुरू करते ही गुंडे भागे घर छोड़कर, परिजनों ने शपथ पत्र भरवाकर लगाई गुहार
इंदौर. गुंडों की आर्थिक कमर तोडऩे के उद्देश्य से पुलिस द्वारा शुरू किया गया गुंडों की अवैध प्रॉपर्टी तोडऩे के अभियान का अब असर नजर आने लगा है। पुलिस के खौफ से गुंडे तो शहर छोड़कर भाग गए, लेकिन अब उनके परिजन अपना आशियाना बचाने के लिए आला पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। पुलिस को यकीन दिलाने के लिए गुंडों के परिजन पुलिस को शपथ पत्र दे रहे हैं।
शहर में गुंडों का मुख्य काम जमीन, मकान, प्लॉट और फ्लैट पर कब्जा करना बन गया है। इसके अलावा गुंडों ने अपराध की कमाई से बड़े-बड़े आशियाने खड़े कर लिए। यही नहीं इसकी आड़ में बदमाश अतिक्रमण करने से भी नहीं चूक रहे। ऐसे में पुलिस ने इन बदमाशों की आर्थिक रूप कमर तोडऩे के लिए उनकी अवैध और अतिक्रमण की हुई प्रॉपर्टी को निशाना बना शुरू कर दिया है। इसके तहत पुलिस नगर निगम के साथ मिलकर अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाशों के मकान-दुकान तोड़ चुकी है।
पुलिस की इस कार्रवाई से गुंडों में तो खौफ है ही, लेकिन अब उनके वो परिजन भी घबरा गए हैं जो उन्हें अब बढ़ावा देते आए थे। कार्रवाई से अपने आशियानों को बचाने के लिए गुंडों के परिजन खुद आगे बढ़कर पुलिस को शपथ पत्र दे रहे हैं। वह पुलिस को यकीन लिाना चाह रहे हैं कि अब वह गुंदागर्दी छोड़ देगा। यही नहीं वह शहर छोड़कर भी चला जाएगा, लेकिन हमारे घर न तोड़े जाएं। अब तक 5 से अधिक बदमाशों के परिजन खुद डीआईजी मिश्र से मिलकर उन्हें शपथ पत्र दे चुके हैं।
हालांकि डीआईजी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जांच में उनकी प्रॉपर्टी सही पाई जाएगी तो
कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन उनकी प्रॉपर्टी भी निगम के नियमों के मुताबिक नहीं है तो उस पर कार्रवाई होन निश्चित है।
दूसरों के नाम पर कर रहे मकान
बदमाशों ने अपने मकान और दुकान रिश्तेदारों के नाम पर करना भी शुरू कर दिया है। इसके लिए वह शपथ पत्र से लेकर रजिस्ट्री कराने तक की जुगाड़ में है ताकि उसे किसी ओर का बताकर पुलिस कार्रवाई से बच जाए। हालांकि पुलिस अफसरों की मानें तो गुंडागर्दी की कमाई से बनाई गई किसी भी अवैध प्रॉपर्टी को नहीं छोड़ा जाएगा, भले वह गुंडे के नाम पर न हो।