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राज्य सरकार के लिए टैक्स वसूलने का नया फंडा, नगरीय निकायों में लगेगा आमोद-प्रमोद कर

locationइंदौरPublished: Aug 28, 2016 08:32:00 am

Submitted by:

Narendra Hazare

इंदौर आए वित्तमंत्री जयंत मलैया बोले, जीएसटी के लिए प्रस्तावित संशोधन में इसे दी जगह। 

jayant malaiya

Madhya Pradesh Finance Minister jayant malaiya

(सेमिनार में वित्तमंत्री जयंत मलैया संबोधित करते हुए।)

इंदौर। अगले वित्तीय वर्ष से प्रस्तावित सामान व सेवाकर (जीएसटी) से अपेक्षित राजस्व हाथ से फिसलता देख प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका आमोद-प्रमोद (मनोरंजन) के नाम पर कर वसूली कर सकते हैं।
 
शनिवार को इंदौर में सीटीपीए और मध्यप्रदेश टैक्स लॉ बार एसोसिएशन की ओर से जीएसटी पर आयोजित सेमिनार में वित्त मंत्री जयंत मलैया ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए राज्य स्तर पर प्रस्तावित संशोधन में इसे जगह दी गई है। हालांकि पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने इसे एेच्छिक बताया। 30 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की बैठक है। इसमें रेवेन्यू न्यूट्रल रेट और टैक्स रेट तय होंगे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मैं अफसरों और कर सलाहकारों को सुनने और जीएसटी को समझने आई हूं, इसलिए मंच पर नहीं सबके बीच बैठूंगी। उन्होंने कहा, ‘पहले हमने इसका विरोध किया था, लेकिन जब यह सदन में पेश किया जाना था, तो हमने इससे होने बदलावों और लाभ के बारे में अफसरों से समझा कि टैक्स क्रांति में क्या बदलाव होंगे और लाभ क्या मिलेगा? जीएसटी के रिजल्ट आने में दो साल का समय लगेगा।

बाढ़ पीडि़तों को दें दान
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावितों के हित में जो लोग मदद देना चाहते हैं, वे नकदी, चेक, डीडी मुख्यमंत्री सहायता कोष के तहत एसबीआई की वल्लभ भवन शाखा, भोपाल (खाता संख्या 10078- 152483) में जमा कर सकते हैं।


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(वित्तमंत्री जयंत मलैया और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन।)

यह भी बोले मलैया

– जीएसटी लागू होने पर शुरुआत में महंगाई बढ़ सकती है, पर आगे चलकर सब ठीक हो जाएगा।
-रजिस्टर्ड डीलरों का पंजीयन और ऑनलाइन डाटा फीडिंग आधुनिक सॉफ्टवेयर में होगी।
-पारदर्शी सॉफ्टवेयर में ही टैक्स जमा होगा और वहीं से रिफंड मिलेगा।
– पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी से बाहर हैं। जीएसटी काउंसिल कभी भी इसे दायरे में ले लेगी।
-यूपीए सरकार के जीएसटी बिल के मॉडल में केंद्र का अधिकार ज्यादा था। इसलिए विरोध कर रहे थे। ठीक होने पर समर्थन में आए।
-जीएसटी के आने से देश एक कर सिद्धांत में परिवर्तित होगा।
-कंज्यूमर स्टेट होने से मध्यप्रदेश को लाभ होगा, जबकि मैन्युफैक्चरिंग स्टेट इसका विरोध करते रहे हैं।

कर सलाहकारों के सवाल, कमिश्नर राघवेंद्र सिंह के जवाब
सीटीपीए उपाध्यक्ष एके गौर : मूल्य संवर्धन नीति के तहत वैट, सीएसटी और प्रवेश कर में छूट मिलती है। क्या जीएसटी में यह व्यवस्थाएं निरंतर रहेंगी?
कमिश्नर : प्रवेश कर में
छूट नहीं मिलेगी। वैट, सीएसटी में फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि, सरकार की मंशा है कि व्यापारी को छूट मिलनी चाहिए।
एडवोकेट भारतभूषण द्विवेदी : गोल्ड पर एक्साइज लागू है? जीएसटी आने पर भी क्या एक्साइज गोल्ड में निरंतर रहेगी?
कमिश्नर : जीएसटी में एक्साइज ड्यूटी मर्ज हो रही है। गोल्ड में जीएसटी का न्यूट्रल रेट लगेगा।
आरएस गोयल : एेसे बिल्डर, जो स्वयं की जमीन पर बिल्डिंग बना रहे हैं। वह बिल्डिंग जीएसटी लागू होने के बाद बनकर तैयार होती है तो एेसे में व्यवसायियों पर क्या कर देयता आएगी?
कमिश्नर : संभवत: जीएसटी में इस बिंदु (9-बी) पर कोई करदेयता नहीं आएगी।

जीएसटी के पहले हैं कई चुनौतियां : श्रीवास्तव
पीएस मनोज श्रीवास्तव ने कहा, अभी कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया और सिंगापुर में जीएसटी है, बाकी देशों में वैट है। जीएसटी मॉडल लॉ में अभी भी काम जारी है। एसजीएसटी लागू होने के पहले कैपेसिटी बिल्डिंग के उद्देश्य से सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की ट्रेनिंग होगी। सब ऑनलाइन होने के कारण कंप्यूटरीकरण दुरुस्त करेंगे। यह मध्यप्रदेश के लिए बड़ी चुनौती भी है। इसके लिए मध्यप्रदेश जीएसटी नेटवर्क को जॉइन कर करेगा। 8 राज्य सहमति दे चुके हैं। 16 को सहमति देनी है। जीएसटी काउंसिल के गठन के बाद इम्पावर्ड कमेटी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। काउंसिल की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे।

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(लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन सेमिनार को संबोधित करती हुई।)

पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन पर दी जानकारी
वाणिज्यिक कर आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने जीएसटी, इसके तकनीकी बिंदुओं से कर सलाहकारों, अधिवक्ताओं और सीए को अवगत कराया। सेंट्रल एक्साइज के उपायुक्त डॉ. दिनेश बिसेन ने रजिस्ट्रेशन रिटर्न व आईटीसी पर प्रकाश डाला। वाणिज्यिक कर विभाग के उपायुक्त सुदीप गुप्ता ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए सेवा व सप्लाई के ट्रांजेक्शन को समझाया। सीटीपीए अध्यक्ष अनिल जैन, केदार हेड़ा, अश्विन लखोटिया ने स्वागत किया। संचालन अमित दवे ने किया। कैलाश शर्मा, गोपीचंद नेमा, भोपाल, रतलाम, छिंदवाड़ा, जलबपुर, सिंगरौली, उज्जैन, बुरहानपुर जिलों से 600 से अधिक कर सलाहकार, सीए व वकील शामिल हुए।

फैक्ट फाइल
20 जिलों से आए कर सलाहकार, सीए और वकील
800 से अधिक लोग सेमिनार में आए
300 से अधिक सवाल पूछे गए
25 से अधिक सवालों का कमिश्नर ने दिया जवाब
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