नेहरू स्टेडियम में 500 बालिकाओं के लिए एक ही चेंजिंग रूम, यहां नहीं है कोई दरवाजा और न ही लगाए गए हैं परदे, एक वॉश रूम के कारण हो रही समस्या। अंतर जिला बास्केटबॉल स्पर्धा में अव्यवस्थाएं।
शैलेंद्र सिरसाठ @ इंदौर। यहां के नेहरू स्टेडियम में लड़कियों के लिए चेंजिंग रूम तो दिया गया, लेकिन दरवाजा नहीं दिया गया। लड़कियों को खुले चेंजिंग रूम में कपड़े बदलना पड़ रहा है। जबकि दरवाजा तो दूर यहां कोई परदा तक नहीं लगाया गया है। इसके अलावा एक ही वाशरूम पांच सौ लड़कियों पर भारी पड़ रहा है। INDORE के नेहरू स्टेडियम में इस प्रकार लड़कियों को परेशान होना पड़ रहा है।
नेहरू स्टेडियम में बीते सोमवार से शुरू हुई 62वीं अंतर जिला इंटर स्कूल बास्केटबॉल प्रतियोगिता अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई है। प्रतियोगिता के दौरान खेल सुविधाओं की तमाम खामियां उजागर हो रही हैं।
किट बदलने के लिए लंबा इंतजार
अंडर 14, 17 व 19 बालिकाओं में खेल रहीं 500 बालिकाओं को किट बदलने के लिए एक ही चैंजिंग रूम दिया गया है। इसके लिए भी उन्हें तल मंजिल से गुजरते हुए पहली मंजिल पर पहुंचना होता है। इस रूम में चार या पांच खिलाड़ी ही किट बदल सकती हैं। शेष को बाहर इंतजार करना पड़ता है। इसके चलते कई बार खिलाड़ी मैच शुरू होने के समय तक मैदान में नहीं पहुंच पाते, जिससे अन्य मैचों का शेड्यूल भी प्रभावित हो जाता है।
narendra-modi-about-tribal-unity-1369874/”> सांसद भूरिया बोले- PM मोदी घोषणावीर, भ्रमण में व्यस्त
इन बालिकाओं को उपलब्ध कराया गया एकमात्र वॉश रूम भी शर्मिंदगी का अहसास करा रहा है।उसमें दरवाजा तक नहीं है। यहां की स्थिति इतनी दयनीय है कि उसकी बदबू स्टेडियम के मुख्य द्वार में घुसते ही खिलाडिय़ों व कोच को नाक पर रूमाल रखने को मजबूर करती है। नेहरू स्टेडियम के प्रभारी व एमआईसी सदस्य चंदूराव शिंदे से चर्चा करने पर उन्होंने कहा, ‘फिलहाल मैं बीमार हूं। अधीनस्थ को शीघ्र ही व्यवस्था सुधारने के लिए आदेशित करता हूं।’
(खिलाडिय़ों को एक ही चेंजिंग रूम दिया गया है। इसमें भी पुराना सामान और गंदगी फैली पड़ी है।)