आर्टमेट ग्रुप और आलोक दुबे फाउंडेशन ने प्रीतमलाल दुआ आर्ट गैलरी में तीन दिनी आर्ट एग्जीबिशन सिम्फनी से प्राप्त आय कैंसर फाउंडेशन को दी जाएगी।
इंदौर। आर्टमेट ग्रुप और आलोक दुबे फाउंडेशन ने प्रीतमलाल दुआ आर्ट गैलरी में तीन दिनी आर्ट एग्जीबिशन सिम्फनी से प्राप्त आय कैंसर फाउंडेशन को दी जाएगी। एग्जीबिशन में वरिष्ठ आर्टिस्टों के साथ ही युवा कलाकारों का भी काम है। स्कल्पचर्स और नए प्रयोगों से युक्त इंस्टालेशन वर्क भी शामिल किया गया है।
शनिवार से शुरू हुई इस एग्जीबिशन में इंदौर सहित दिल्ली, मुंबई, भोपाल, ग्वालियर आदि शहरों के करीब 70 कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
एग्जीबिशन में रमेश खेर, शंकर शिंदे और हरेन्द्र शाह जैसे वरिष्ठ कलाकारों की एब्सट्रैक्ट पेंटिंग्स एक साथ देखना सुखद अनुभव हैं। फाइन आर्ट कॉलेज में सहपाठी रहे ये तीनों कलाकार अपनी विशिष्ट शैलियों के लिए जाने जाते हैं। भोपाल के प्रवीण खरे ने मधुबनी शैली में वटवृक्ष की पूजा कर रही महिलाओं की तीन खूबसूरत पेंटिंग्स बनाई हैं। भोपाल की ही रुपिंदर कौर ने भी लोक शैलियों का प्रयोग किया है। गोविंद बब्बर ने पुरानी कुर्सी, अलमारी और पुराने फोन के जरिए पुरानी यादें ताजा करने की कोशिश की है।
युवा कलाकारों की प्रयोगधर्मिता
एग्जीबिशन में कई युवा कलाकारों ने अपनी प्रयोगधर्मिता प्रदर्शित की है। राहुल सोलंकी ने गत्ते पर पेपर कोलाज बनाए हैं। अंकित पुन्यासी ने भी पेपर कोलाज बनाए हैं। खैरागढ़ के विपिन राजपूत ने रंगीत कपड़ों की चिंदियों से पेंटिंग जैसा आभास दिया है। वहीं मोनिका सेठ ने भी कपड़े के चौकोर टुकड़ों का कलात्मक प्रयोग किया है। मीष रत्नपारखी, सचिन देव और सनी मलवतकर का काम भी उनकी प्रयोगशीलता को बयां कर रहा है। देवल वर्मा ने लोहे के कलपुर्जों से पगथलियां बनाई हैं।