आयकर रिटर्न फॉर्म पर पीछे हटी सरकार
Published: Apr 19, 2015 08:40:00 am
आयकर रिटर्न फॉर्म में
बैंक खाते और विदेश यात्राओं का ब्योरा देना अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर सरकार
पीछे हट गई है
नई दिल्ली। कालेधन पर अंकुश लगाने के इरादे से आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म में बैंक खाते और विदेश यात्राओं का ब्योरा देना अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर सरकार पीछे हट गई है। सरकार ने टैक्स विशेषज्ञों समेत विभिन्न मंचों पर लोगों की आलोचना के बाद इस मुद्दे पर कदम पीछे खींचे हैं। केंद्र ने शनिवार को इस बारे में आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि नए आयकर रिटर्न फॉर्म पर पुनर्विचार किया जाएगा और इसे सरल बनाया जाएगा। राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वॉशिंगटन से फोन पर उनसे बातचीत की है और कहा है कि आईटीआर से संबंधित पूरे मामले पर पुनर्विचार किया जाएगा।
केंद्र ने यह फैसला विभिन्न वर्ग के लोगों तथा कर विशेषज्ञों द्वारा वित्त वर्ष 2014-15 से संबंधित आईटीआर फॉर्म के बारे में कठिनाइयां व्यक्त किए जाने के मद्देनजर किया है। सोशल मीडिया में तो यह मामला तूल ही पकड़ गया था। इसकी जमकर आलोचना ने सरकार को ट्रैक बदलने पर मजबूर कर दिया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को ही चालू आकलन वर्ष 2014-15 के लिए नया आईटीआर फॉर्म जारी किया था। इसमें काले धन पर अंकुश लगाने के लिए अतिरिक्त सूचनाएं मांगी गई थी।
पिछली तिथि से टैक्स लगाना पड़ेगा महंगा
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पिछली तिथि से कराधान कानून के इस्तेमाल को खारिज करते हुए कहा है कि इस बारे में कोई स्थायी कानून बनाना तो संभव नहीं है, लेकिन यदि भविष्य की कोई सरकार इसका जोखिम उठाती है तो उसे उसकी भारी कीमत चुकानी होगी, कि जहां तक पिछली तिथि से कर लगाने का मुद्दा है, मेरा मानना है कि इस मामले में भारत का वर्ष 2011 का अनुभव काफी खराब रहा है और यदि भविष्य की कोई सरकार इस तरह का जोखिम उठाती है तो इसकी उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।