रतन टाटा ने समूह की कंपनियों के शेयर होल्डर्स से कहा कि उनके निदेशक मंडल में साइरस मिस्त्री का बने रहना उनमें खलल पैदा करने वाला होगा, जिसका इन कंपनियों के कामकाज पर बुरा असर पड़ सकता है…
मुंबई. टाटा संस के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा पर सच नहीं बोलने का आरोप लगाया है। मिस्त्री का यह बयान रतन टाटा के उस पत्र के संदर्भ में आया है जो उन्होंने शेयर होल्डर्स को लिखा था।
दो पेज के पत्र में टाटा का स्पष्टीकरण
टाटा ने शेयरहोल्डर्स को लिखे दो पेज के इस खत में मिस्त्री को हटाने पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘मिस्त्री की योग्यता और कंपनी का नेतृत्व करने की क्षमता पर भरोसा नहीं रह गया था। उन्हें चेयरमैन बनाए रखना मुश्किल हो गया था। मिस्त्री को हटाने से पहले उनके साथ विचार-विमर्श की कई कोशिशें की गई थी। मिस्त्री के लिए सही कदम यही होता कि वे निदेशक पद से इस्तीफा दे देते।’
‘मिस्त्री के बने रहने का बुरा असर’
रतन टाटा ने समूह की कंपनियों के शेयर होल्डर्स से कहा कि उनके निदेशक मंडल में साइरस मिस्त्री का बने रहना उनमें खलल पैदा करने वाला होगा, जिसका इन कंपनियों के कामकाज पर बुरा असर पड़ सकता है। हालांकि मिस्त्री खेमे ने बर्खास्त करने से पहले किसी भी तरह के विचार-विमर्श की कोशिश का खंडन कर दिया।