scriptसोने की खरीद पर पैन कार्ड की शर्त से जा सकती है नौकरियां | Govts' PAN card proposal for gold purchase may leave many jobless | Patrika News

सोने की खरीद पर पैन कार्ड की शर्त से जा सकती है नौकरियां

Published: Apr 11, 2015 01:58:00 pm

जल्द ही 1 लाख रूपए से ज्यादा कीमत के आभूषण कैश में खरीदने पर दिखाना
होगा पैन कार्ड

नई दिल्ली। सरकार की ओर से एक लाख रूपए से ज्यादा के सोने की खरीद पर पैन कार्ड दिखाना जरूरी करने के प्रस्ताव से जौहरी कुछ खास खुश नहीं है। देश में काले धन पर शिकंजा कसने और इसे कम क रने के लिए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 28 फरवरी को बजट भाषण में कहा था कि अब से एक लाख रूपए से ज्यादा कीमत के आभूषण कैश खरीदते समय ग्राहक को अपना पैन कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा। इ स पर टाइटन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भास्कर भट्ट ने कहा है कि इस शर्त से न केवल इंडस्ट्री में मांग गिरेगी, बल्कि इसका असर यह भी होगा कि ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ सकती है।

भट्ट ने कहा, “डर यह है कि इस तरह की शर्त से देश में ज्वैलेरी की मांग गिर सकती है, क्योंकि हमारे देश में आभूषण केवल निवेश के लिए नहीं बल्कि शादी ब्याह जैसे अन्य कारणों से भी खरीदे जाते हैं और ज्यादातर लोग कैश में ही पेमेंट करना पसंद करते हैं।” भट्ट ने यह भी कहा कि जहां हमारे देश में ज्वैलेरी के खरीदारों की गिनती कहीं ज्यादा है, वहीं पैनकार्ड केवल 170 मिलियन लोगो के पास ही हैं। ए ेसे में 1 लाख रूपए से ज्यादा के आभूषण कैश में खरीदने वाले हर व्यक्ति के पास पैन कार्ड हो यह जरूरी नहीं है।

हमारे देश में आभूषण खरीदने वाली ज्यादातर महिलाए हैं और इन महिलाओं में से अधिकतर आभूषण खरीदने के लिए बचत करती हैं, ऎसे में यह कहना गलत होगा कि यह महिलाएं टैक्स चोरी कर रही हैं। क ोई व्यक्ति अगर एक समय में 10 लाख रूपए से ज्यादा के आभूषण खरीद रहा है तो उस पर टैक्स चोरी के मामले में शक किया जा सकता है, लेकिन इतनी छोटी सी रकम में ऎसा करना उचित नहीं है। भट्ट ने क हा, “पैन कार्ड वाली शर्त को लागू करने से रोजगार पर भी असर पड़ेगा। अगर इंडस्ट्री में मांग कम होती है तो बेशक ज्वैलर्स अपना स्टाफ कम करेंगे, जिससे कई लोग बेरोजगार हो सकते हैं।”

इसके अलावा एक पहलू यह भी है कि हमारे देश में पुराने आभूषणों के बदले नए आभूषण खरीदने वालों की गिनती भी बहुत ज्यादा है। टाइटन जैसे ब्रांड ज्वैलर्स को पैन कार्ड वाली शर्त से शायद ज्यादा फर्क न पड़े, लेकिन लोकल और छोटे जौहरियों के लिए यह बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। ऎसा इसलिए है क्योंकि ब्रांडेड ज्वैलर्स के यहां क्रेडिट कार्ड , डेबिट कार्ड या चैक से पेमेंट करने के विकल्प मौजूद रहते हैं, लेकिन छोटे जौहरी ज्यादातर कैश में ही डील करते हैं।
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