script

न करें कार रिकॉल की अनदेखी, खारिज हो सकता है दुर्घटना बीमा दावा

Published: Jul 04, 2015 09:40:00 am

कार कंपनी एयरबैग में खराबी, स्टीयरिंग में डिफेक्ट, बैटरी जैसी
समस्याओं के लिए कार रिकॉल करती हैं

Cars

Cars

जयपुर। जब भी कोई कार कंपनी एयरबैग में खराबी, स्टीयरिंग में डिफेक्ट, बैटरी जैसी समस्याओं के लिए कार रिकॉल करती है, तो उसमें ग्राहक की भागीदारी बेहद जरूरी है, क्योंकि हाल ही कई ऎसे केसेज सामने आए हैं, जिनमें ग्राहकों ने कार रिकॉल में भाग नहीं लिया और कंपनी ने उनका दुर्घटना दावा खारिज कर दिया।

बजाज इंश्योरेंस के चीफ टेक्निकल ऑफिसर विजय कुमार का कहना है कि अगर कंपनी का सर्वेयर यह साबित कर देता है कि दुर्घटना की वजह कार के उस पाट्र्स से संबंधित है, जिसके लिए ऑटो कंपनी ने पूर्व में कार रिकॉल की थी, तो उस ग्राहक का दावा निश्चित रूप से खारिज कर दिया जाएगा। इसलिए ग्राहक को कार रिकॉल में हिस्सा लेना बेहद जरूरी है। समस्या चाहे छोटी हो या बड़ी दोनों ही स्थिति में ग्राहक को इस प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए।

एयरबैग्स की समस्या

कुमार ने कहा कि सबसे ज्यादा कार रिकॉल की वजह एयरबैग्स में खराबी को लेकर होती है। हाल ही में होंडा और मारूति जैसी दिग्गज कंपनियों ने एयबैग्स में समस्या के चलते कार रिकॉल की। कार रिकॉल में ज्यादातर समस्या माइनर होती है और केवल एक दिन में ही इसे ठीक कर दिया जाता है। इसलिए ग्राहकों को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

कंपनी देती है सूचना

ऑटो कंपनियां कार रिकॉल के लिए ग्राहकों को ई-मेल और मोबाइल के जरिए सूचित करती हैं। इसके अलावा कंपनियां कार रिकॉल संबंधित समस्या को कार सर्विसिंग के दौरान भी ठीक कर देती है, जिसका पता ग्राहक को भी नहीं चलता, यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का झटका

कुमार ने बताया कि कार रिकॉल में हिस्सा न लेने का असर दुर्घटना बीमा दावे पर पड़ता है। अगर कार दुर्घटना में पूरी तरह खत्म हो जाती है, तो क्लेमेट (दावाकर्ता) को दावे के अनुसार कार की कीमत नहीं मिलती, लेकिन अगर गाड़ी से किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है, तो क्लेमेट को सबसे बड़ा नुकसान थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के रूप में भुगतना पड़ता है, जिसमें दावे की कोई सीमा नहीं होती।

ट्रेंडिंग वीडियो