अब तक 17 राज्य सरकारें रेलवे के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने में दिखाई रुचि, चार के साथ हुए समझौते
नई दिल्ली। रेल परियोजनाओं में राज्यों की भागीदारी पर केंद्र से अनुमति मिल गई है। इसके लिए राज्य सरकारों के साथ समझौते करने और संयुक्त उद्यम कंपनियां बनाने के रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लगा दी गई।
गौरतलब है कि अब तक 17 राज्य सरकारें रेलवे के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने में रुचि दिखा चुकी है। इनमें से चार के साथ समझौते भी हो चुके हैं। इनमें महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और केरल के नाम शामिल हैं। जबकि झारखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात व कर्नाटक के साथ शीघ्र समझौते होने की संभावना है।
प्रत्येक राज्य के साथ बनने वाली जेवीसी की शुरुआती चुकता पूंजी 100 करोड़ रुपये रखी गई है। इसमें रेल मंत्रालय का हिस्सा अधिकतम 50 करोड़ रुपये रखा गया है। बाद में परियोजना की जरूरत के अनुसार चुकता पूंजी में बढ़ोतरी की जा सकती है। लेकिन ऐसा करना उपयुक्त अथारिटी द्वारा परियोजना की मंजूरी के बाद ही संभव होगा।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु के अनुसार संयुक्त उद्यम कंपनियां बनाने का मकसद रेल परियोजनाओं के लिए जरूरी धन की कमी पूरा करने में राज्यों की भागीदारी के अलावा राज्यों में उनकी जरूरत के मुताबिक रेल ढांचे का विस्तार व विकास करना है। इनमें नई व निर्माणाधीन रेल लाइने बिछाने, दोहरीकरण और आमान परिवर्तन के अलावा रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण करना शामिल हैं। इस समय तकरीबन साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये लागत की निर्माणाधीन परियोजनाएं धन की कमी से अधूरी पड़ी हुई है। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने 400 रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इनके लिए धन के इंतजाम के अलावा भूमि अधिग्रहण में भी राज्य सरकारें मददगार होंगी।