एसआईटी ने दिए 788 कंपनियों पर कार्रवाई के निर्देश
Published: Jul 22, 2016 10:08:00 am
एसआईटी ने डीआरआई को इन कंपनियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा है
नई दिल्ली। कालेधन पर बने विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रवर्तन निदेशालय से ऐसी 788 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिन पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की निर्यात आय लंबित है। उल्लेखनीय है कि विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित कंपनियों को छोड़कर शेष सभी कंपनियों के लिए एक तय सीमा के भीतर निर्यात से प्राप्त आय देश में लाना जरूरी है। इसकी समय सीमा निर्यातित वस्तु के अनुसार अलग-अलग होती है। वित्त मंत्रालय ने ट््वीट कर बताया कि राजस्व खुफिया निदेशालय को भी उन कंपनियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है, जिन्होंने कर छूट का दावा तो किया है, लेकिन आयात आय देश में लाना लंबित है।
इस तरह एक ओर तो इन कंपनियों के निर्यात से प्राप्त विदेशी मुद्रा देश में नहीं आई है, वहीं दूसरी ओर ऐसी कंपनियों ने ड्यूटी ड्रॉ बैक का नाजायज फायदा उठाकर सरकारी खजाने को भी चपत लगाई है। यही वजह है कि एसआईटी ने अब विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इनमें 2016 कंपनियां एक मार्च 2016 से पूर्व की अवधि से संबंधित हैं, जबकि 572 कंपनियां एक मार्च 2016 की अवधि से संबंधित हैं।
एसआईटी ने डीआरआई को इन कंपनियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही आरबीआई को तत्काल ही एक संस्थागत सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र विकसित करने को कहा है जिससे कि पता चलते चल सके कि कौन सी कंपनियां बार-बार फेमा के नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। एसआईटी ने इस संबंध में आरबीआई को हर महीने डीआरआई और ईडी को जानकारी देने का निर्देश दिया है। मंत्रालय के अनुसार इन कंपनियों को निर्यात से जो धनराशि प्राप्त हुई वे उसे देश में लेकर नहीं आई बल्कि उसे अवैध तरीके से विदेश में ही जमा रखा।
कोई भी कंपनी निर्यात से पहले लागत पर लगने वाले टैक्स के ऐवज में ड्यूटी ड्रॉ बैक लेती है, हालांकि इसके लिए उस निर्यातक के लिए यह जरूरी है कि वह निर्यात से प्राप्त आय को देश में लेकर आए, लेकिन इस मामले में इन कंपनियों ने ऐसा नहीं किया। इसलिए उन पर फेमा के उल्लंघन का मामला बनता है।