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टाटा स्टील ने 95 रुपए में ही बेच दी 4800 कर्मचारियों की यूनिट

टाटा स्टील ने लॉन्ग प्रॉडक्ट्स नाम की अपनी बिजनस यूनिट को निवेश फर्म ग्रेबुल को महज 95 रुपए में बेच दिया है

Apr 12, 2016 / 04:20 pm

युवराज सिंह

tata steel in loss

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लंदन। टाटा स्टील ने लॉन्ग प्रॉडक्ट्स नाम की अपनी बिजनस यूनिट को निवेश फर्म ग्रेबुल को महज 95 रुपए में बेच दिया है। सोमवार को दोनों कंपनियों के बीच इस सौदे को लेकर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत मुख्य रूप से टाटा स्टील की उत्तरी इंग्लैंड की स्कनथोर्प यूनिट आती है। लॉन्ग प्रॉडक्ट के कारोबार में 4,400 कर्मचारी ब्रिटेन और 400 फ्रांस में कार्यरत हैं।

ग्रेबुल कैपिटल के साथ हुई डील को लेकर एक जानकार ने कहा कि इसके बाद टाटा स्टील को अपने कारोबार को ब्रिटेन से समेटने में मदद मिलेगी। सोमवार से टाटा स्टील ने अपने कारोबार को बेचने के लिए खरीददार की शुरुआत की थी। प्राइवेट इक्विटी फर्म के साथ हुए बिक्री समझौते के तहत कंपनी की कई संपत्तियां आती हैं, इनमें स्कनथोर्प स्थित यूनिट, उत्तरी फ्रांस में स्थित मिलें, वर्किंगटन स्थित इंजिनियरिंग वर्कशॉप और यॉर्क स्थित डिजाइन कंसल्टेंसी यूनिट शामिल हैं। टाटा की संपत्तियों को खरीदने के लिए ग्रेबुल दिसंबर से ही तैयारी कर रही थी।

4,800 कर्मचारी करते हैं काम
रेलवे और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के लिए स्टील बनाने वाली टाटा की लॉन्ग प्रॉडक्ट्स यूनिट में करीब 4,800 कर्मचारी काम करते थे। ब्रिटिश कारोबार को लेकर संकट में फंसी टाटा स्टील ने इसकी बिक्री को तेज करने के लिए केपीएमजी को प्रोसेस कंसल्टेंट नियुक्त किया है। इस कारोबार में टाटा स्टील यूके का ब्रिटेन में सबसे बड़ा पोर्ट टालबोट स्थित स्टील प्लांट शामिल है।

सरकार मुश्किल में

30 मार्च को टाटा स्टील ने ब्रिटिश कारोबार की बिक्री का एलान कर यहां की सरकार को मुश्किल में ला दिया था। सरकार के सामने हजारों नौकरियां बचाने की चुनौती खड़ी हो गई थी। इसके बाद ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन और उनकी सरकार इस कोशिश में जुट गए कि स्टील प्लांट सही खरीदार को बेचे जाएं ताकि इन्हें बंद होने से बचाया जा सके।

चीन ने खड़ा किया संकट
स्कनथोर्प की बिक्री के बाद टाटा स्टील का पूरा फोकस अब पोर्ट टालबोट प्लांट को बेचने पर रहेगा। इस सिलसिले में ब्रिटिश सरकार ने भारतीय मूल के कारोबारी और लिबर्टी हाउस के मुखिया संजीव गुप्ता से बातचीत की है। रतन टाटा की अगुआई में भारतीय कंपनी ने कोरस स्टील को 2007 में 14 अरब डॉलर में खरीदा था। टाटा स्टील का यह ब्रिटिश कारोबार तभी से घाटे में चल रहा था। चीन के सस्ते स्टील ने टाटा की ही नहीं, लक्ष्मी निवास मित्तल के नेतृत्व वाली कंपनी आर्सेलर-मित्तल को भी परेशानी में डाल रखा है।

इसलिए 95 रुपए में किया सौदा
टाटा स्टील ने करीब 95 रुपए में लॉन्ग प्रॉडक्ट्स यूनिट बेचने को लेकर स्थिति साफ की है। कंपनी ने डील की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रेबुल ने कंपनी के कर्ज को भी अपने जिम्मे लिया है। इस डील के बाद कंपनी हजारों करोड़ रुपये का कर्ज भी ग्रेबुल के जिम्मे आ गया है। इसलिए एक पाउंड के नॉमिनल रेट पर ही पूरी डील की गई है। इसके अलावा ग्रेबुल इस यूनिट को आगे बढ़ाने के लिए 400 मिलियन पाउंड का फंडिंग पैकेज भी तैयार करेगी।

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