उल्लेखनीय है कि फोक्सवैगन पर पिछले दिनों आरोप लगा है कि उसने अपनी डीजल कारों में ऎसे सॉफ्टवेयर लगाए हैं, जो उत्सर्जन जांच के दौरान वास्तविक उत्सर्जन छुपा लेता है और उत्सर्जन स्तर को जांच के दौरान सीमा के अंदर कर लेता है।
यूरोप में बिकने वाली कंपनी की आधी कारें डीजल कार होती है। इस हेराफेरी का मामला आने के बाद कंपनी के शेयरों में 30 फीसदी गिरावट दर्ज की जा चुकी है।