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2031 तक कर सकेंंगे बुलेट ट्रेन में सफर

Published: Jul 15, 2017 03:46:00 pm

Submitted by:

manish ranjan

अगर आप ज्यादातर सफर दिल्ली से वाराणसी से करते है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। बहुत जल्द ही इस रूट पर बुलेट ट्रेन चलने वाली है। बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे महत्वकांक्षी याजनाओं में से एक है।

Bullet train

Bullet train

नई दिल्ली। अगर आप ज्यादातर सफर दिल्ली से वाराणसी से करते है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। बहुत जल्द ही इस रूट पर बुलेट ट्रेन चलने वाली है। बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे महत्वकांक्षी याजनाओं में से एक है। बुलेट ट्रेन चलने के आप बाद दिल्ली-वाराणसी के बीच ७२० किलोमीटर की दूरी महज ढ़ाई घंटे में तय कर पाएंगे। अभी इस सफर में लगभग 13-14 घंटे लग जाते हैं। 


अभी केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। इसलिए इस परियोजना को काफी गम्भीरताा से लिया जा रहा हैं। इस परियोजना से लखनऊ जाने वाले यात्रियों को भी लाभ मिलेगा। दिल्ली से लखनऊ की दूरी 440 किलोमीटर की है और बुलेट ट्रेन से ये दूरी महज एक घंटे 38 मिनट की हो जाएगी। प्रस्तावित रिर्पोट में ये कहा गया है कि दिल्ली मे मुख्य टर्मिनल अक्षरधाम मंदिर के पास हो।


स्पेनिश फर्म कर रही है तैयारी

स्पेनिश फर्म इनको-टिप्सा इस महत्वाकांक्षी परियोजना की तैयारी कर रही है। ये कंपनी पहले ही दिल्ली-कोलकाता के 1474.5 किलोमीटर कॉरीडोर की फइनल रिपोर्ट तैयार करके भेज चुकी है। 


देना होगा अधिक किराया

इस बुलेट टे्रन में सफर का लुत्फ उठाने के लिए आपको अधिक किराया देना होगा। दिल्ली से लखनऊ के लिए किराया लगभग 1980 रूपए होगा तो वहीं दिल्ली से वाराणसी के लिए आपको 3240 रूपए देना होगा। 


जल्द शुरू होगा मुंबई-अहमदाबाद कॉरीडोर पर भी काम

मुंबई-अहमदाबाद कॉरीडोर पर भी काम सितम्बर माह तक शुरू होने की बात कही जा रही है। इस कॉरीडोर पर समुद्र के अन्दर भी से होते हुए जाएगी। आपको बता दें कि नागपुर-मुंबई प्रोजेक्ट की मंजूरी भी अंतिम प्रक्रिया में है।


2021 तक शुरू हो सकता है काम

कुछ रिपोर्ट की माने तो इस प्रधानमंत्री के इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम 2021 तक शुरू हो सकता है। इसे 2031 तक पूरा किया जाने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली से वाराणसी के लिए जाने वाली बुलेट ट्रेन ग्रेटर नोएडा, अलीगढ़, लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर से होकर जाएगी। इस कॉरीडोर पर 52,680 करोड़ रूपए खर्च होने की बात कही जा रही है। वहीं दिल्ली-कोलकाता के बीच 1474.5 किलोमीटर लंबे ट्रैक का खर्च 1.21 लाख करोड़ बताया जा रहा है।

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