जबलपुर। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे है। एंट्री प्वॉइंट पर पूरे समय भारी वाहनों का जमावड़ा रहता है। शहर के अंदर भी बड़े वाहनों का कब्जा है। सड़क के किनारे खड़े ये वाहन लोगों की सांसें छीन रहे हैं। वर्ष 2016 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 12 प्रतिशत हादसे सड़क के किनारे खड़े वाहनों के चलते हुए। सबसे अधिक अराजकता छोटी लाइन फाटक से मेडिकल कॉलेज रोड पर है। इस रोड़ के दोनों किनारों पर क्रेन, ट्रक, बस, कार, जीप, ऑटो और लोडिंग वाहन खड़े रहते हैं। पत्रिका टीम ने गुरुवार को शहर की प्रमुख सड़कों का जायजा लिया।
वर्ष 2016 में हुए हादसे
-हादसे में होने वाली मौतें 345
-सड़क किनारे खड़े वाहनों की वजह से हादसे 42
-कुल हादसे 2856
-रोड किनारे खड़े वाहनों की वजह से 337 हादसे हुए
ये हैं नियम
-वाहनों के चारों तरफ रिफलेक्टर रिबन लगाना चाहिए
-वाहन खराब होने की सूरत में रात में डिपर का प्रयोग करें
-वाहन को सड़क से हटाकर फुटपाथ पर किनारे लगाएंं
-सड़क पर खड़े किए वाहन में न सोएं
-चौराहे या मोड़ पर वाहन न खड़े करें।
ये हो सकती है कार्रवाई
-शहर की प्रमुख सड़कों पर पार्क होने वाले वाहनों से नगर निगम जुर्माना वसूल सकता है
-ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग इन वाहनों को जब्त कर सकते हैं
-स्थानीय पुलिस एेसे वाहन चालकों के खिलाफ मामला बना सकती है।