चार संदिग्ध पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनमें से एक के खिलाफ रांझी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई, वहीं तीन अन्य के रिजल्ट रोक लिए गए।
जबलपुर। पुलिस भर्ती की भौतिक परीक्षा में मंगलवार को चार और संदिग्ध पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनमें से एक के खिलाफ रांझी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई, वहीं तीन अन्य के रिजल्ट रोक लिए गए।
रांझी थाना प्रभारी संजय शर्मा ने बताया कि भौतिक परीक्षण के दौरान पर्यवेक्षकों ने सागर के राहगतगढ़ में रहने वाले नीलेश कुर्मी (25) के फिंगर प्रिंट लिए। यह पूर्व में लिए गए फिंगर प्रिंट से मैच नहीं हुए। संदेह होने पर पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की। वह उस सेंटर का नाम नहीं बताया पाया, जहां से उसने ऑनलाइन परीक्षा दी थी।
सख्ती पर खोला राज
सख्ती से पूछताछ में खुलासा किया कि बिहार के किसी युवक ने उसके स्थान पर ऑनलाइन परीक्षा दी थी। इसके लिए उसने उसे रुपए भी दिए। परीक्षा देने वाले का नाम, पता मालूम होने की बात से नीेलेश ने इनकार कर दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया।
मैच नहीं हुए फ्रिंगर प्रिंट
इसके अलावा राजस्थान भरतपुर निवासी प्रदीप कुमार जाट (22), मंदसौर निवासी संजय कुमार नायक (22) व धार निवासी कृष्णा मालवीय (24) के भी फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए। संदेह होने पर तीनों से पूछताछ की गई, लेकिन तीनों ने सवालों का सही जवाब दिया। अधिकारियों को तीनों की बातें सही लगीं, इसलिए रिजल्ट रोक लिया गया। तीनों के फिंगर प्रिंट की जांच अब भोपाल में कराई जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इनका कहला है कि
चार परीक्षार्थी संदिग्ध मिले हैं। तीन के फिंगर प्रिंट मैच नहीं हो रहे हैं। भोपाल में दोबारा फिंगर प्रिंट की जांच की जाएगी। तब तक के लिए रिजल्ट रोक दिए गए हैं। एक पर एफआईआर कराई गई है।
कार्तिकेयन के, कमांडेंट, छठी बटालियन