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पति- पत्नी साथ घर गए, मां बेटी का संपत्ति विवाद सुलझा

locationजयपुरPublished: Dec 13, 2015 12:50:00 pm

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 22.46 करोड़ से अधिक का अवार्ड, 10 हजार मामले एक दिन में निस्तारित

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से अजमेर जिला व सत्र न्यायालय में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में 90 वर्षीय एक महिला का संपत्ति विवाद व पति-पत्नी के आपसी विवाद का लोक अदालत की भावना से निपटाया जाना उल्लेखित रहा।

 लोक अदालत में विभिन्न अदालतों में 13 हजार से अधिक प्रकरण रखे गए जिनमें 10 हजार मामलों का निस्तारण लोक अदालत से करने की भावना करने पर सहमति बनी। विभिन्न प्रकरणों में अवार्ड या क्षतिपूर्ति के रूप में 22.46 करोड़ 42 हजार 478 रुपए दिए जाने पर भी सहमति बनी।

अजमेर न्यायक्षेत्र के सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामे योग्य दीवानी, फ ौजदारी, मोटर वाहन दुर्घटना, उपभोक्ता, पारिवारिक तथा मनरेगा, वन अधिनियम, बिजली व पानी तथा बैंक ऋण, वसूली संबंधी प्री-लिटिगेशन प्रकरण एवं राजस्व न्यायालयों में राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

आंकड़ों की जुबानी

लोक अदालत में रखे गए प्रकरण कुल – 13065

निस्तारित प्रकरण – 10740
अवार्ड राशि- 11,23,21,239. रुपए

न्यायालयों में लंबित निस्तारित प्रकरण – 8398, अवार्ड राशि- 103363944. रुपए

प्री-लिटिगेशन निस्तारित प्रकरण- 2342, अवार्ड राशि- 8957295. रुपए

90 वर्षीय माता व बेटी का संपत्ति विवाद निपटा

सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्टे्रट सं. 3, में 90 वर्षीय वृद्धा कल्याणी दत्त ने अपनी ही पुत्री सपना मेंधी के खिलाफ संपत्ति विवाद को लेकर करीब पांच साल पहले मुकदमा दर्ज कराया। राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्ष श्रीमती सीमा ढाका आर.जे.एस. तथा लोक अदालत सदस्य योगेन्द्र ओझा अधिवक्ता एवं पक्षकारों के वकील एन.के. दोषी व जी.के. अग्रवाल ने समझाइश कर राजीनामा करावाया। लोक मामला निपटने पर मां-बेटी के बीच विवाद निपट गया और दोनों साथ-साथ घर गई।

पति पत्नी का झगड़ा खत्म, मिला गुलदस्ता

परिवादिया सुनिता ने पति सुमेरनाथ के विरूद्ध दहेज प्रताडऩा व अन्य धाराओं में फजदारी प्रकरण ए.सी.जे.एम. संख्या 1 में दायर किया गया था। सुनिता अपने बच्चे के साथ पीहर में रह रही थी। राष्ट्रीय लोक अदालत में लोक अदालत अध्यक्ष अमर वर्मा ए.सी.जे.एम. तथा लोक अदालत सदस्य अधिवक्ता द्वारा तथा परिवादिया के वकील एस.एन. रिजवानी एवं अभियुक्त के अधिवक्ता अशरफ बुलन्द द्वारा समझाईश की गई

जिससे उनके मध्य सौहार्दपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई और दोनो पति-पत्नी अपने प्रकरण को निस्तारित करवाकर साथ रहने को राजी हुए। परिवादिया सुनिता न्यायालय से ही अपने पुत्र के साथ ससुराल जाने को तैयार हुए और न्यायालय द्वारा पक्षकारान द्वारा राजीनामा किए जाने पर प्रकरण का निस्तारण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव अजय गोदारा ने पति-पत्नी द्वारा अपने प्रकरण में राजीनामा किए जाने पर उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया गया।
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