जबलपुर। रेल कम रोड मोटर, शायद आपने नाम नहीं सुना होगा, जी हां हम आपको इससे रू-ब-रू करा रहे हैं। इसे आधुनिक तकनीकी का ही कमाल कहेंगे कि जो काम पहले महीनों में किया जाता था वह मिनटों में होने लगा है। अब तक शायद आपने गौर ना किया हो लेकिन इसी तकनीकी की बदौलत अब टे्रन में सफर के दौरान खटर-खटर की आवाज सुनने नहीं मिलती।
दरअसल, ये आवाज पटरियों पर लगने वाले नट बोल्ट की हुआ करती थी। रेल कम रोड मोटर के जरिए रेलवे टे्रक बिछाने अर्थात पटरियों की वेल्डिंग करने का काम किया जाता है। ये पटरियों की वेल्डिंग इतनी सफाई से करता है कि जोड़ ना के बराबर ही नजर आते हैं। साथ ही मजबूती का भी कोई मुकाबला नहीं है।
इससे पटरी की लांग वेल्डेंट होती है। फिलहाल ये ललपुर के पास बिछाए जा रहे रेलवे ट्रेक के काम में लगा हुआ है। ब्रॉडगेज परियोजना के ट्रेक बिछाने का काम इसी के जरिए तेजी से किया जा रहा है। ये सड़क और पटरी दोनों पर चलता है। और एक दिन में करीब आधा किलोमीटर से ज्यादा ट्रेक की वेल्डिंग दोनों ओर से कर देता है।