scriptये शिक्षक स्कूल से मार रहे थे बंक, ऐसे खुला राज | teachers were not Attendants on Lok Sevak app | Patrika News
जबलपुर

ये शिक्षक स्कूल से मार रहे थे बंक, ऐसे खुला राज

लोक सेवक एप का विरोध कर रहे शिक्षक नेताओं के मनसूबे पर हाईकोर्ट ने फेरा पानी

जबलपुरJul 17, 2017 / 03:30 pm

balmeek pandey

This mobile app will take care of your needs and f

This mobile app will take care of your needs and features, know how …

कटनी। अभी तक आपने यही देखा और सुना होगा कि बच्चे स्कूल से बंक मारते हैं, लेकिन हम ऐसा राज बताने जा रहे हैं जिसमें शिक्षक बंक मारते पाए गए हैं। जब देश के भविष्य को गढऩे वाले गुरुओं की यह दशा है तो फिर उस स्कूल के बच्चों का क्या होगा, आप सहज ही समझ सकते हैं। जिले के 2 लाख 19 हजार बच्चों को जिले में पदस्थ 7 हजार 350 शिक्षक अब स्कूलों में पूरा समय दे पाएंगे। शिक्षक चाहकर भी स्कूलों से बंक नहीं मार पाएंगे। लोक सेवक एप से हाजिरी लगाने का विरोध कर रहे शिक्षकों के मनसूबों पर हाईकोर्ट ने पानी फेर दिया है। जिले के अब सभी शिक्षकों को कलेक्टर द्वारा बनाए गए एप से हाजिरी लगानी होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि जिले के शिक्षा विभाग में 7350 कर्मचारी हैं। इसमें सिर्फ 72 लोग ही ऐसे हैं, जिन्होंने हाजिरी नहीं लगाई है। 


यह है प्रशासन की मंशा
प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन की मंशा है कि जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का कार्य करा रहे शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचें और विद्यार्थियों को पूरा समय दे पाएं। ताकि बच्चों के शिक्षा के स्तर पर सुधार हो सके। इसके लिए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा कसावट की गई लेकिन यह बात जिले के शिक्षक नेताओं को नागवार गुजरी और विरोध करना शुरू कर दिया। हाजिरी न लगाना पड़े इसलिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई लेकिन बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट ने शिक्षकों के इरादों पर पानी फेर दिया है।

2015 में शुरू किया था शिक्षा मित्र एप 
स्कूलों में समय पर नहीं पहुंच रहे और अधिकतर समय तक गायब रहने वाले शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2015 में शिक्षा मित्र नामक एप बनाया था। इस एप को शिक्षकों को अपने मोबाइल पर डाउन लोड कर हाजिरी लगाना थी लेकिन शिक्षक नेताओं ने इससे बचने के लिए विरोध शुरू कर दिया। मामला न्यायालय पहुंच गया। जिले में प्रदेश सरकार के शिक्षा मित्र एप की बात करें तो जिले के शिक्षा विभाग में पदस्थ 7350 अधिकारियों-कर्मचारियों में लगभग 3500 लोगों ने एप को डाउनलोड कर हाजिरी लगाना शुरू किया था। 

मार्च से है लागू
जिले में कलेक्टर द्वारा बनवाया गया लोक सेवक एप एक मार्च 2017 को लागू हुआ था। इस एप के माध्यम से जिले के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को शामिल किया गया था। सभी लोगों को अलग-अलग यूजर आईडी और पासवर्ड दिया गया था। इसी एप के माध्यम से लोगों को कार्यालय खुलने से लेकर बंद होने तक की गतिविधियों की जानकारी देनी थी लेकिन जिले के शिक्षकों द्वारा इसका भी विरोध शुरू कर दिया गया है। जिले में आजाद अध्यापक, राज्य अध्यापक संघ, शिक्षक कांग्रेस, शासकीय अध्यापक संघ और मप्र शिक्षक संगठन कार्य कर रहे हैं और यही एप का विरोध भी कर रहे हैं। 


ऐसे भी लगाई जा सकती है हाजिरी 
अधिकांश शिक्षकों का कहना है कि उनके पास एंड्राइड फोन नहीं है। ऐसे में वे ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व गांव के जिस व्यक्ति के पास एंड्राइड मोबाइल फोन है, उसमें यूजर आईडी व पासवर्ड डालकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हंै। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार ने नि:शुल्क मोबाइल भी दिए हैं।

एप से हाजिरी 
के बाद जिले के स्कूलों में शिक्षकों को 7.30 घंटे का पूरा समय बिताना होगा। 
शिक्षक संगठन ये बता रहे खामियां 
-टॉवर लोकेशन न मिलना।
-सरकार मोबाइल और उसके रिचार्ज का खर्च दें। 
-जिले में अलग नियम क्यों है, इस एप को पूरे प्रदेश में लागू किया जाए। 
-गांव में बिजली की समस्या है। 
इससे मोबाइल चार्ज करने में 
समस्या आ रही है। 
-मोबाइल एप के कारण वेतन नहीं मिल रहा है। 
– गांवों में सर्वर में समस्या आ रही है।
– हाजिरी लगाने के बाद भी उपस्थिति नहीं दर्ज हो पाती है। 
7 हजार 350 शिक्षकों में से 72 नहीं लगा रहे थे एप से हाजिरी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो