आयुर्वेद में बताए गए ये नुस्खे अमल में लाने से आप अधिक उम्र में भी बने रह सकते हैं जवान
जबलपुर। उम्र बढऩे के साथ ही इंसान की शारीरिक क्षमताएं घटने लगती हैं और इंद्रिया शिथिल होने लगती हैं। भारतीय आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खे बताए गए हैं जिनके हिसाब से औषधियों का सेवन करने से लंबे समय तक लोग जवान बने रह सकते हैं। इनके उपयोग से न तो किसी तरह के साइड इफेक्ट का खतरा है और न ही ये एलोपैथिक दवाओं की तरह महंगी हैं।
1-शिलाजीत देता है ताकत
सर्दी के सीजन में शिलाजीत का सेवन शरीर के लिए हर तरह से लाभदायक है। यह न केवल बाजीकरण में विशेष लाभदायक है बल्कि जोड़ों के दर्द को दूर कर हड्डियों को ताकत प्रदान करता है। इससे व्यक्ति की पौरुष शक्ति में वृद्धि होती है।
2-शहद में प्याज का मुरब्बा
यह शारीरिक क्षमता बढ़ाने का पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा है। 45 सफेद प्याज को सलाई से छेद कर उसे शहद से भरे जार में डाल दें और फिर 45 दिन तक शहद में संतृप्त होने के बाद रोज रात में एक प्याज का सेवन करें। यह व्यक्ति का शारीरिक बल बढ़ाता है।
3- दूध से बढ़ती है ताकत
आयुर्वेद के अनुसार दूध को सबसे ज्यादा उपयोगी वाजीकरण औषधि का नाम दिया गया है। यह शरीर की खोई हुई ताकत को दुबारा पैदा करने में प्रभावशाली होता है। बिस्तर पर जाने से पहले और बाद में हमेशा दूध पीना चाहिए।
4-उड़द के लड्डू
उड़द के लड्डू, उड़द की दाल, दूध में बनाई हुई उड़द की खीर का सेवन करने से अंदरूनी ताकत बढ़ती है।
5-अंडा
दूध के अंदर अंडे की जर्दी मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति तेज होती है।
6-तालमखाना
तालमखाना ज्यादातर धान के खेतों में पाया जाता है इसे लेटिन भाषा में एस्टरकैन्था-लोंगिफोलिया कहते हैं। रोजाना सुबह और शाम लगभग 3-3 ग्राम तालमखाना के बीज दूध के साथ लेने से शारीरिक ताकत बढ़ती है।
7-गोखरू
गोखरू का फल कांटेदार होता है और औषधि के रूप में काम आता है। बारिश के मौसम में यह हर जगह पर पाया जाता है।गोखरू के लगभग 10 ग्राम बीजों के चूर्ण में इतने ही काले तिल मिलाकर 250 ग्राम दूध में डालकर आग पर पका लें। पकने पर इसके खीर की तरह गाढ़ा हो जाने पर इसमें 25 ग्राम मिश्री का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
8-मूसली
मूसली पूरे भारत में पाई जाती है। यह सफेद और काली दो प्रकार की होती है। काली मूसली से ज्यादा गुणकारी सफेद मूसली होती है। मूसली के चूर्ण को लगभग 3-3 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ लेने से ताकत पैदा होती है।
9-कौंच
कौंच को कपिकच्छू और कैवांच आदि के नामों से भी जाना जाता है। शक्ति को बढ़ाने के लिए इसके बीज बहुत लाभकारी रहते हैं। इसके बीजों का उपयोग करने के लिए बीजों को दूध या पानी में उबालकर उनके ऊपर का छिलका हटा देना चाहिए। इसके बाद बीजों को सुखाकर बारीक चूर्ण बना लेना चाहिए। इस चूर्ण को लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम मिश्री के साथ दूध में मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। कौंच के बीज, सफेद मूसली और अश्वगंधा के बीजों को बराबर मात्रा में मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें। इस चूर्ण में से एक चम्मच चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से शरीर ताकतवर होता है।
10-सेमल
लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सेमल की जड़ के चूर्ण और मूसली के चूर्ण को रोजाना सुबह और शाम मीठे दूध के साथ सेवन करने से शक्ति तेज होती है। सेमल की गोंद में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर लगभग 6-6 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम दूध और पानी के साथ सेवन करना चाहिए।
11-शतावरी-
शतावरी की जड़ का चूर्ण लगभग 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम गर्म दूध के साथ लेना लाभकारी रहता है।
12-विदारीकंद-
विदारीकंद के चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम घी और शहद के साथ मिलाकर चाटने और ऊपर से गर्म दूध पीने से पुरुष की शक्ति तेज हो जाती है।
13-अश्वगंधा
अश्वगंधा का सेवन करने से शरीर में घोड़े की तरह ताकत आ जाती है। अश्वगंधा की जड़ के 3-3 ग्राम चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से शारीरिक शक्ति तेज होती है। अश्वगंधा के चूर्ण को गाय के घी में मिलाकर चाटने और उसके ऊपर से गाय का गर्म-गर्म दूध पीना लाभकारी रहता है।