जयपुर। नाइजीरिया
का नागरिक दस साल से भारत में फर्जी तरीके से रहा, लेकिन न विदेश मंत्रालय ने पकड़ा
और नाइजीरियाई उच्चायोग को इसकी भनक लगी। जयपुर में सीआईडी की विशेष शाखा में वीजा
अवधि बढ़वाने का आवेदन करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
बुधवार को सीआईडी
ने उसे झोटवाड़ा से दबोच लिया। सीआईडी ने अतिरिक्त अधीक्षक ने माणक चौक थाने में
उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है। पकड़ा गया 35 वर्षीय सैमुअल ओलाओलु ओनालापो नाइजीरिया
के लागोस का मूल निवासी है। वह झोटवाड़ा में किराए के मकान में रहता था और निजी
नर्सिग कॉलेज में पढ़ाता था।
माणक चौक थाने के उपनिरीक्षक राजेश कुमार ने
बताया कि सैमुअल ने भारत में वीजा अवधि बढ़वाने का 3 मार्च को ऑनलाइन आवेदन किया
था।
आवेदन सीआईडी की विशेष शाखा में आने पर 20 मार्च को वह माणक चौक स्थित
सीआईडी शाखा में पेश हुआ और वीजा-पासपोर्ट दिखाए। इस वीजा की अवधि 28 मार्च, 13 से
27 मार्च, 14 तक थी। उसने खुद को 10 फरवरी, 13 को भारत आना बताया। सीआईडी ने विदेश
मंत्रालय से वीजा के बारे जानकारी ली तो पता चला कि यह वीजा नाइजीरिया के ओलारिबिब
तौफीक मूसा के नाम का निकला, जो 18 सितम्बर, 12 से 17 अक्टूबर, 12 का टूरिस्ट वीजा
था। मुम्बई स्थित आव्रजन ब्यूरो से संपर्क करने पर खुलासा हुआ कि 10 फरवरी, 13 को
नाइजीरिया से सैमुअल नाम का कोई नागरिक भारत आया नहीं था।
एक्स वीजा हासिल
करने को केरल की युवती से कर ली शादी
झोटवाड़ा में उसके साथ एक युवती भी रहती
मिली। पूछताछ में बताया कि नर्सिग कोर्स के बाद वह चेन्नई चला गया था। 29
दिसम्बर 2011 को उसने केरल के पाथानामथिट्टा जिला निवासी सराम्मा लुकोस नाम की
युवती से शादी की। आशंका जताई गई है कि उसने भारतीय युवती से विवाह यहां का एक्स
वीजा (लम्बी अवधि तक रहने के लिए) हासिल करने के लिए किया है।