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शोध की संकरी गली, कैसे होंगे सपने पूरे

locationजयपुरPublished: Oct 07, 2015 12:29:00 am

पीएचडी
पंजीकरण में भाई भतीजावाद और सेटिंग के खेल से निजात के लिए विश्वविद्यालय अनुदान
आयोग ने 2009 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की जो व्यवस्था की थी उसे अब धत्ता बताया
जा रहा है

jaipur photo

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हीरेन जोशी
जयपुर। पीएचडी पंजीकरण में भाई भतीजावाद और सेटिंग के खेल से निजात के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2009 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की जो व्यवस्था की थी उसे अब धत्ता बताया जा रहा है।

देश के कुछ अन्य विवि की तरह राजस्थान विश्वविद्यालय में छह श्रेणियों के अभ्यर्थियों को प्री-पीएचडी परीक्षा से छूट देकर सीधा दाखिला दिया जा रहा है। प्री-पीएचडी परीक्षा से पहले छूटार्थियों के आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इनको प्रवेश के बाद शेष्ा बची हुई नाममात्र की सीटों के लिए सामान्य स्नातकोत्तर छात्रों के लिए परीक्षा का आयोजन होगा। पिछले दिनो विवि की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस छूट पर सवाल भी उठाया गया था लेकिन इसे दरकिनार कर दिया।

253 सीटें खाली हैं विश्वविद्यालय में
राजस्थान विश्वविद्यालय में इस साल पीएचडी की मात्र 253 सीटें खाली हैं। वहीं सम्बद्ध कॉलेजों में 95 सीटें हैं। पिछले साल जहां जेआरएफ छात्रों को फैलोशिप की समस्या के चलते छूट थी वहीं इस बार नेट और सेट पास अभ्यर्थियों को भी परीक्षा से छूट दे दी गई है। अब एमफिल अभ्यर्थियों को पहले प्रवेश दिया जा रहा है। इन सभी आवेदकों को प्रवेश देने के बाद बाकी बची हुई सीटों की 40 प्रतिशत सीटों पर जेआरएफ, नेट और सेट के अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा।

ये हैं छूट प्राप्त अभ्यर्थी

राजस्थान विवि से नए नियमों के तहत एमफिल किए हुए अभ्यर्थी
जेआरएफ, नेट और सेट पास अभ्यर्थी
दो साल का अनुभव रखने वाले कॉलेज और विवि शिक्षक- 183 सीटें इस कोटे में अलग हैं
टीआरएफ (शिक्षक रिसर्च फैलोशिप)
सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत वीजा प्राप्त अभ्यर्थी

अन्य विवि में सबको देनी होती है परीक्षा

परीक्षा से छूट का खेल मात्र राजस्थान विवि में ही चल रहा है। प्रदेश के अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों में सभी को प्री-पीएचडी परीक्षा देनी होती है। अब अभ्यर्थी दूसरे विवि में छूट मांग रहे हैं।

परीक्षा के नाम लूट
विवि में छूट की सीटें बांटने के बाद प्री-एमफिल पीएचडी परीक्षा में पीएचडी के लिए नाममात्र की सीटें रह जाएंगी। ऎसे में परीक्षा शो पीस बनेगी। सभी विष्ायों में बहुत कम सीटें होंगी और पीजी किए हुए छात्र बड़ी संख्या में आवेदन करेंगे। आवेदन की फीस भी मोटी है।

छूट का प्रावधान पहले भी था। नेट और सेट को इस बार ही परीक्षा से छूट दी गई्र है। पहले चरण के बाद खाली सीटों पर परीक्षा होगी। प्रो. एस. सी. बरडिया, समन्वयक एमफिल प्री-पीएचडी 2015
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