जयपुर. अनचाहे शिशुओं को रखने में अक्षम लोग उन्हें झाडिय़ों व कचरे आदि में फेंकने के बजाए आसानी से पालनों में छोड़ सकेंगे। इसके लिए महिला चिकित्सालय, जनाना अस्पताल व गणगौरी अस्पताल में पालने लगाए जाएंगे। इनमें से जिन अस्पतालों में पहले से पालने लगे हैं, उनमें इनकी जगह बदली जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे ‘पालना स्थल’ अभियान के राज्य सलाहकार देवेंद्र अग्रवाल ने सोमवार को तीनों अस्पतालों का दौरा कर यह निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि अभी दो अस्पतालों में पालने हैं, लेकिन भीड़-भाड़ वाले स्थान पर होने से लोग बच्चा रखने से कतराते हैं। महिला चिकित्सालय में पालना अस्पताल की दीवार से हटाकर सेप्टिक लेबर रूम की दीवार के पास लगेगा। गणगौरी अस्पताल में दाईं ओर ओपीडी की दीवार पर नया पालना लगाने के निर्देश दिए।
सॉफ्टवेयर से जोड़ा
अग्रवाल ने बताया कि अब तक पालने में बच्चा रखते ही घंटी बज जाती थी। नवजात को रखने वाले को भागने का समय नहीं मिल पाता था। इस डर से लोग बच्चों को पालने में रखने से घबराते थे। पालनों को सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। जिससे घंटी बच्चा रखने के दो मिनट बाद बजेगी। बच्चा रखने वाले के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।