राष्ट्रगान में “अधिनायक” नहीं “मंगलदायक” हो : राज्यपाल
जयपुरPublished: Jul 08, 2015 09:05:00 am
राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा कि राष्ट्रगान में संशोधन की जरूरत है, राष्ट्रगान में
“अधिनायक” शब्द जार्ज पंचम की वंदना में लिखा गया था
Dikshant samaroh in Rajasthan University
जयपुर। राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा कि राष्ट्रगान में संशोधन की जरूरत है। राष्ट्रगान में “अधिनायक” शब्द जार्ज पंचम की वंदना में लिखा गया था। अब इस शब्द में संशोधन कर इसकी जगह “मंगलदायक” शब्द लगाना चाहिए। वे मंगलवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के 26 वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में ढाई दशक से लंबित डिग्रियों का वितरण किया गया। राज्यपाल ने राष्ट्रगान और इतिहास लेखन जैसे मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक आयोजित किए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने एक बार फिर अकबर, विक्टोरिया बनाम महाराणा प्रताप की महानता की चर्चा करते हुए कहा कि देश में अब इतिहास लेखन फिर से होना चाहिए। उन्होंने कहा, इसका जुड़ाव देश के गौरव से हो, यह इतिहास हमारे पास मौजूद है, बस बच्चों को पढ़ाने की जरूरत है।
देशी वेशभूषा में आए डिग्रीधारी
समारोह में डिग्रीधारी काले चोगे की बजाय सफेद पोशाक, सफेद साड़ी और जोधपुरी सूट में थे। सुबह 7 से 9 बजे तक विवि परिसर में विभिन्न संकाय के पीएचडी धारकों को डिग्री दी गई। पीएचडी डिग्री धारकों को समारोह स्थल पर राज्यपाल ने मंच से ही डिग्री प्रदान करने की घोषणा की। संकायवार अभ्यर्थियों को खड़ा किया गया और राज्यपाल ने डिग्री जारी करने की औपचारिक घोषणा की।कई कॉलेजों में 2 बजे बाद भी डिग्रियां नहीं पहुंची थी। इससे अभ्यर्थी परेशान हुए।
नकली डिग्री से बचें अभ्यर्थी
राज्यपाल ने राज्य में नकली डिग्री के मामले सामने आने को गंभीर बताया और छात्रों को इससे बचने की सलाह दी। विवि को निर्देश दिए कि वे भी राजस्थान विवि की तरह दीक्षांत समारोह में भारतीय वेशभूषा को अपनाएं। सराफ ने विधायक कोष से विवि को हर साल 10 लाख रूपए देने की घोषणा की।