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बदलते मौसम से किसानों को करोड़ों का नुकसान

locationजैसलमेरPublished: Feb 05, 2016 10:39:00 pm

सरहदी जैसलमेर जिले में इस वर्ष न तो पाला पड़ा और न ही ओलावृष्टि हुई। बावजूद इसके किसानों की अच्छी

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जैसलमेर।सरहदी जैसलमेर जिले में इस वर्ष न तो पाला पड़ा और न ही ओलावृष्टि हुई। बावजूद इसके किसानों की अच्छी पैदावार लेने की उम्मीद धूमिल हो गई है। तापमान में अस्थिरता से यह स्थिति बनी है। विशेषज्ञों के अनुसार जिले में किसानों को खराबे की परेशानी नहीं झेलनी पड़ी, लेकिन फसलें तापमान की अस्थिरता की भेंट चढ़ गई है। एक दिन कम तो अगले दिन उच्च तापमान से फसलों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में रबी की उपज सामान्य से 25 फीसदी कम होने की आशंका कृषि विशेषज्ञों ने जताई है। तापमान में एकाएक बढ़ोतरी से फसलें समय से पहले पकने लगी हैं, जिससे उनकी उत्पादकता व गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

उपज प्रभावित, करोड़ों का नुकसान

विशेषज्ञ वर्तमान मौसमी परिवर्तन के आधार पर इस वर्ष रबी उपज में प्रति हैक्टेयर सामान्य से 25 फीसदी की कमी आने की आशंका जता रहे हैं। जिले में 3.94 लाख हैक्टेयर में रबी की बुवाई हुई है। इस कमी के आधार पर जैसलमेर जिले के किसानों को 100 करोड़ से अधिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।


ये है हालात

विशेषज्ञों के अनुसार रबी फसलों के औसत उत्पादन के लिए न्यूनतम तापमान आठ डिग्री से कम और अधिकतम तापमान 20 से 22 डिग्री तक रहना चाहिए। लेकिन जैसलमेर व बाड़मेर में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम तापमान 25 डिग्री से अधिक चल रहा है, जो रबी फसल की उपज की उम्मीदों को धूमिल कर रही है।


उपज व गुणवत्ता में होगी कमी

 तापमान की अधिकता से समय से पहले परिपक्वता का फसल की उपज व गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। तापमान के यही हाल रहे तो उत्पादन और भी कम हो सकता है। किसानों को सिंचाई की समय सीमा बढ़ाकर उच्च तापमान के असर को कम करने का प्रयास करने की जरुरत है।- रणजीत सिंह सर्वा सहायक निदेशक, कृषि विस्तार जैसलमेर

10 लाख हैक्टेयर उत्पादन क्षेत्र है जैसलमेर में।

04 लाख हैक्टेयर में रबी की बुवाई।
20 क्विंटल के करीब उत्पादन होता है प्रति हैक्टेयर
60 लाख क्विंटल से अधिक अनुमानित उत्पादन होता है हर वर्ष
15 लाख क्विंटल उत्पादन कम होने की आशंका
1.50 अरब करोड़ की फसलें होगी प्रभावित
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