जालोर/भीनमाल। प्रेमी देवेन्द्र की
हत्या के बाद जिसघर को प्रेमिका पूनम बिश्नोई ने सुरक्षित समझा, वही घर उसकी मौत का
कारण बना। 12 अगस्त को हुई पूनम की हत्या के मामले में पुलिस ने प्रथम दृष्टया
आरोपित मानते हुए देवेन्द्र की मां चुन्नीदेवी को गिरफ्तार किया
है।
हालांकि, इस वारदात में कई अन्य भी होने की आशंका है, लेकिन पुलिस इसके
लिए गहन तफ्तीश में जुटी हुई है। फिलवक्त किसी दूसरे को पकड़ा नहीं है। पूनम की
हत्या के बाद से ही पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच में जुट गई थी, लेकिन ठोस
सुराग नहीं मिल रहे थे। दो दिन पहले पुलिस अधीक्षक ने इसके लिए दोनों अतिरिक्त
पुलिस अधीक्षकों के सुपरविजन में आठ टीमों का गठन किया और गहन पड़ताल की। जिसमें
देवेन्द्र की मां पर शक गहरा गया। सभी पक्षों के बयान विरोधाभासी होने के कारण
गुरूवार देर रात को देवेन्द्र की मां चुन्नीदेवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मारने के बाद बनाई मनगढ़त कहानी
पूनम की रात को हत्या करने के बाद आरोपितों
ने इसकी मनगढ़त कहानी बनाकर पुलिस को सूचित किया और मामला दर्ज करवाया। जिसमें से
अधिकांश वे आरोपित बताए गए जो देवेन्द्र की हत्या के मामले में भी शामिल थे। इस
कारण पुलिस को भी कुछ शक हुआ, लेकिन पुख्ता सुराग ढूंढ़ने में पुलिस ने कुछ समय
लिया।
प्रलोभन की चिंता
उदयपुर में देेवेन्द्र विश्नोई की हुई हत्या की एक
मात्र चश्मदीद गवाह पूनम कहीं न्यायालय में बदल नहीं जाए, इसका भी चुन्नी देवी को
डर सता रहा था। चुनीदेवी को आशंका थी कि पूनम किसी डर, प्रभोलन व दबाव में आकर
न्यायालय में बदल सकती है।जिससे उसके बेटे के हत्यारे बच जाएंगे।
शक के दायरे
में रिपोर्टकर्ता
हालांकि, अभी केवल देवेन्द्र की मां को ही पुलिस ने गिरफ्तार
किया है, लेकिन जिस प्रकार से पुलिस को प्लानिंग बनाकर रिपोर्ट पेश की। उसमें
देवेन्द्र के पिता भगवानाराम भी शक के दायरे में है। पुलिस भी बता रही है कि कई
अन्य सहयोगी भी होंगे जिन तक जल्द
पहुंचा जाएगा।
चार परिवार हो गए
तबाह
देेवेन्द्र के जीवन में पूनम का आगमन उदयपुर में बीएसटीसी प्रशिक्षण के
दौरान हुआ। पूनम के आने के बाद देेवेन्द्र के परिवार में आपसी कलह बढ़ती गई। पूनम
से प्रेम का नतीजा रहा कि देवेन्द्र को जान गंवानी पड़ी। उसकी लोगों ने हत्या कर
दी। देवेन्द्र की हत्या का गम चुन्नीदेवी भूला नहीं पाई और उसने पूनमको मारने का मन
बना लिया। इतने दिनों तक पूनम की हत्या करने का मौका नहीं मिल रहा था। पूनम और
चुनीदेवी रात के समय पास-पास में सोते थे। गत 12 अगस्त को मौैका मिलते ही
चुन्नीदेवी ने पूनम के सिर में हथौड़े से बार कर गला दबाकर हत्या कर दी। इसकी मौत
के साथ ही पूनम, देवेन्द्र, प्रकाश और पूनी देवी के चार परिवार तबाह हो गए। एएसपी
रामेश्वरलाल ने बताया कि अभी हत्या के मामले में दूसरे लोगों के शामिल होने के बारे
में भी गहनता से अनुसंधान किया जा रहा है।
हथौड़ा मार गला दबाया
रात
को सोते समय पूनम के सिर पर हथौड़े से वार किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या की गई।
हालांकि, पुलिस को वह हथौड़ा नहीं मिला है, लेकिन पुलिस बता रही है कि चुन्नीदेवी
ने इस बात को कबूल लिया है। जिस कारण अब हथौड़ा भी जल्द ही बरामद किया
जाएगा।
सम्पत्ति बंटने का था डर
मृतक पूनम बिश्नोई गर्भवती थी। उसके पेट
से पैदा होने वाली संतान कहीं देवेन्द्र के परिवार की सम्पत्ति में हक नहीं मार ले,
उसे हटाने के लिए यह साजिश रची। यह भी हत्या के मुख्य कारणों में शामिल बताया जा
रहा है।
खतरा समझा तो मार दिया-एसपी
देवेन्द्र की मां
चुन्नीदेवी धीरे-धीरे पूनम को ही खुद के लिए खतरा मानने लगी। इसी कारण उसने मौका
देखते ही हथौड़ा मारा और गला दबाकर पूनम की हत्या कर दी। यह बात पुलिस अधीक्षक
श्वेता धनखड़ ने हत्या का राजफाश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि पुलिस को जब देवेन्द्र के पिता ने पूनम की हत्या की रिपोर्ट दी थी
उसी समय से शक था, लेकिन रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अनुसंधान में कदम दर कदम चली और
सभी पक्षों के बयान लिए तो विरोधाभासी पाए गए।
जिस पर देवेन्द्र की मां चुन्नीदेवी
से कड़ी पूछताछ की गई। इसमें चुन्नीदेवी ने हथौड़े से मारने की बात कबूल कर ली।
हथौड़ा बरामद नहीं हुआ है। इसके प्रयास जारी है। उन्होंने बताया कि चुन्नीदेवी ने
उसकी सम्पत्ति के लिए पूनम को खतरा समझा। एक सवाल के जवाब में एसपी ने बताया कि
पूनम के पेट में पांच महीने का गर्भ था। उन्होंने बताया कि पूनम के परिवार ने कभी
वैधानिक रूप से प्रार्थना पत्र दाखिल नहीं किया अन्यथा उन्हें भी पूनम सौंपी जा
सकती थी। एसपी ने बताया कि पूनम किसी से फोन पर लम्बी बातें भी करती थी। जो
चुन्नीदेवी को अखरती थी। शव को निकालने के लिए न्यायिक प्रक्रिया अपनाई जाती है।