साढ़े चार करोड़ भुगतान के बाद भी गणवेश का अब तक पता नहीं
शिक्षा सत्र शुरू हुए साढ़े तीन बीत गए हैं, लेकिन अब तक जिले के शासकीय
स्कूलों में अध्ययनरत छात्रोंं को गणवेश का वितरण नहीं हुआ है।
Four million, after payment of half the uniforms do not know ye
जांजगीर-चांपा. शिक्षा सत्र शुरू हुए साढ़े तीन बीत गए हैं, लेकिन अब तक जिले के शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्रोंं को गणवेश का वितरण नहीं हुआ है।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत एक लाख 56 हजार छात्रों को गणवेश वितरण किया जाना है। वहीं स्कूल शिक्षा विभाग ने 32 हजार 43 छात्रों को गणवेश बांटने का लक्ष्य रखा है।
स्कूल शिक्षा विभाग, छात्रों को एक-एक सेट गणवेश बांट चुका है। वहीं सर्वशिक्षा अभियान ने अब तक बोहनी तक नहीं की है। अलबत्ता, पौने दो छात्र फटे-पुराने गणवेश में स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं,
जबकि एसएसए ने 15 अगस्त तक हर हाल में नए गणवेश में बच्चों को स्कूल भेजने का दावा किया था, लेकिन अब तक गणवेश का पता तक नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि एसएसए ने हाथकरघा विभाग को 75 फीसदी रकम का अग्रिम भुगतान कर भी दिया है।
यानी साढ़े चार करोड़ भुगतान प्राप्त करने के बाद भी हाथकरघा विभाग ने गणवेश की आपूर्ति नहीं की है। गौरतलब है कि इस वर्ष जिले के एक लाख 56 हजार 87 छात्रों को गणवेश बांटने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 60 हजार 423 छात्र मिडिल स्कूल के हैं तो वहीं 95 हजार 360 छात्र प्राइमरी स्कूल के हैं।
गणवेश के लिए एएसए ने छह करोड़ 24 लाख 38 हजार 800 रुपए स्वीकृत किए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग की व्यवस्था भी बदहाल
सर्व शिक्षा विभाग के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के गणवेश वितरण व्यवस्था का भी बुरा हाल है। स्कूल शिक्षा विभाग के जरिए जिले के 32 हजार मिडिल एवं प्राइमरी स्कूल के छात्रों को गणवेश प्रदाय किया जाना था।
जबकि स्कूल शिक्षा विभाग ने अब तक एक-एक सेट गणवेश दिया है। दूसरा सेट गणवेश कब बटेगा, इसकी जानकारी नहीं है। यह विभाग महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से गणवेश की सिलाई करा रहा है।
जिले में गणवेश वितरण की कहानी बड़ी रोचक
जिले में गणवेश वितरण की कहानी पिछले कुछ वर्षों से बड़ी रोचक है। गणवेश वितरण के नाम पर मलाई अमूमन सभी संकुल प्रभारी से लेकर डीएमसी तक चख चुके हैं।
वितरण में गड़बड़ी को लेकर शासन स्तर से नवागढ़ बीआरसी और बीईओ के अलावा सक्ती बीईओ को सस्पेंड किया गया था। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक शिक्षाकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया था।
अब भी कई शिक्षाकर्मी निलंबन के दिन काट रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इस साल से जिले के अधिकारी गणवेश वितरण में खेल नहीं कर पाएंगे।
राज्य स्तर से ही बदल दी गई है व्यवस्था
बीते कई सालों से सर्वशिक्षा विभाग के अधिकारियों ने गणवेश वितरण में बड़ा भ्रष्टाचार किया, जिसे देखते हुए इस बार राज्य स्तर से ही छत्तीसगढ़ हाथकरघा विभाग को गणवेश तैयार कराने से लेकर वितरण की जिम्मेदारी दी गई है।
क्रय आदेश जारी होने के बाद एसएसए ने विभाग को 75 प्रतिशत राशि यानी साढ़े चार करोड़ भी प्रदान कर दिया है। 25 फीसदी राशि यानी डेढ़ करोड़ को गणवेश बंटने के बाद प्रदान किया जाएगा।