उपचार के दौरान हुई थी मासूम की मौत, विभागीय जांच शुरू
जांजगीर चंपाPublished: Jul 25, 2017 12:37:00 pm
रविवार की शाम जिस भूमि नाम के मासूम की मलेरिया से जिला अस्पताल में मौत
हुई उसका इलाज पहले केरा में झोलाछाप डॉक्टर अयोध्या प्रसाद रघुबहरा ने
किया था।
During the treatment, death of innocent, departmental investigation started
जांजगीर-चांपा. रविवार की शाम जिस भूमि नाम के मासूम की मलेरिया से जिला अस्पताल में मौत हुई उसका इलाज पहले केरा में झोलाछाप डॉक्टर अयोध्या प्रसाद रघुबहरा ने किया था। उसके गलत इलाज से जब मासूम की तबीयत बिगड़ी तो उसे तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए पीडि़त परिवार के घर पहुंची। परिजनों ने बताया कि मासूम को बुखार आने के बाद वह उसे पास के एक क्लीनिक लेकर पहुंचे थे। जब उसके इलाज से हालत और बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल भेजा गया।
परिजनों के बयान के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की टीम मासूम की मौत का जिम्मेदार उस झोलाछाप डॉक्टर को बता रही है, जिसने उसके पहले इलाज किया, लेकिन हकीकत में इस सबके लिए स्वास्थ्य महकमा ही जिम्मेदार है, जो इन झोलाछाप डॉक्टरों को दुकान को कमीशन लेकर चलवा रहा है। हद तो तब है जब इस झोलाछाप डॉक्टर अयोध्या प्रसाद रघुबहरा के खिलाफ एफआईआर के आदेश हैं लेकिन पुलिस व एसडीएम उसे अभयदान दिए हुए हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एमडी तेंदवे, नवागढ़ बीएमओ डॉ. नरेश साहू व नारायण देवांगन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी पीडि़त परिवार का बयान दर्ज किया तो उन्होंने हकीकत बताई और दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया।
अभी भी दर्जनों क्लीनिक आबाद- विकासखंड अंतर्गत अभी भी कई ऐसे झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकानदारी कर रहे हैं, जिनके खिलाफ जांच की गई और उनकी प्रैक्टिस पर रोक लगाई गई है। लोगों का आरोप है कि इसे लेकर बीएमओ को कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन वह आंख मूंद कर बैठा है, जिससे ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं और वह अपनी दुकान बेधड़क चला रहे हैं।