मध्यान्ह भोजन में प्लास्टिक चावल या… पढि़ए खबर
जिले के कई स्कूलों में प्लास्टिक चांवल मिलने की खबर पर चर्चा
जोरों पर है और ऐसी ही एक और खबर ने स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के पालकों
की नींद उड़ा दी है।
Mid day meal in plastic rice or … read the news
सक्ती. जिले के कई स्कूलों में प्लास्टिक चांवल मिलने की खबर पर चर्चा जोरों पर है और ऐसी ही एक और खबर ने स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के पालकों की नींद उड़ा दी है।
मामला जांजगीर जिले के ही मालखरौदा विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत डिक्सी में मिडिल स्कूल का है। यहां मध्यान्ह भोजन के लिये स्व सहायता समूह के सदस्यों ने जब चांवल को पकाया और उसे प्रधान पाठक गुहाराम सिदार के द्वारा चख कर देखा गया, तब उसका स्वाद अजीबोगरीब था।
वहीं पका हुआ चावल जब ग्रामिणों ने देखा तो उन्होंने भी हैरानी जतायी। ग्रामिणों ने बताया कि उसी पके हुए चांवल को जब गेंद बनाकर जमीन पर पटका गया तो वह चांवल से बनी गेंद दो फीट तक उछलने लगी। मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक एवं शिक्षकों ने चांवल को बच्चों को वितरित नही कर इसकी शिकायत विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मालखरौदा से की गई। शिकायत के तीन दिवस बाद खाद्य निरीक्षक द्वारा स्थल पर जाकर जांच की गई।
चांवल की जांच होती है या नहीं यह बड़ा सवाल- स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर न्यायालय, राजनीतिक दल से लेकर प्रशासन स्तर तक व्यापक चर्चा होती रही है। इसके बाद भी मध्यान्ह भोजन मे ंअकसर गड़बड़ी की शिकायतें मिलती है। वहीं जब से प्लास्टिक चांवल मिलने की खबर उड़ी है तब से नागरिकों ने यह सवाल उठाना प्रारंभ कर दिया है कि मध्यान्ह भोजन के चांवल के डिलवरी से पहले क्या चांवल की जांच की जाती है।
डिक्सी के मिडिल स्कूल में चांवल नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा जांच कर भेजी गयी थी या नही इस पर भी सवाल उठने लगा है। कहने को तो अधिकारी ही चांवल के संबंध में शिकायत को संवेदनशील बता रहे हैं, लेकिन शिकायत 17 जुलाई को मिलने के तीन दिवस बाद 20 जुलाई को जांच टीम का डिक्सी पहूंचना किसी संदेह को जन्म दे रहा है।
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