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विद्युत कंपनी के पास एनर्जी मीटर नहीं, एवरेज बिल से चल रहा काम

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 30, 2016 11:50:00 am

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के पास एनर्जी मीटर नहीं है।  इसके
चलते कंपनी विद्युत उपभोक्ताओं को एवरेज बिल देकर काम चला रही है।

No power company Energy meters, running average bi

No power company Energy meters, running average bill work

जांजगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के पास एनर्जी मीटर नहीं है। इसके चलते कंपनी विद्युत उपभोक्ताओं को एवरेज बिल देकर काम चला रही है।
एवरेज बिल मिलने के कारण उपभोक्ताओं को यह पता नहीं चल रहा है कि उन्हें किस हिसाब से बिल दिया जा रहा है। जिला मुख्यालय सहित जिले भर में हजारों उपभोक्ताओं ने नया विद्युत कनेक्शन लिया है, जिनके घर मीटर नहीं लग पा रहा है। इससे उपभोक्ता परेशान हैं।
विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली का बिल अदा करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें एक कारण बिजली बिल का विवाद माना जा रहा है। विवाद का कारण घरों में मीटर नहीं लगना है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के जिले में दो लाख 80 हजार उपभोक्ता हंै।
तीन माह के भीतर नया विद्युत कनेक्शन के लिए कंपनी के दफ्तर में करीब 16 हजार आवेदन मिले हैं। जिले में दो लाख 50 हजार घरों के मीटर ही सही सलामत चल रहे हैं। शेष 30 हजार घरों में मीटर नहीं है।
नए उपभोक्ताओं के घर भी मीटर नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में विद्युत कंपनी की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। विद्युत कंपनी एक ओर जहां गांवों में शिविर लगाकर नए कनेक्शन देने की बात कह रही है।
वहीं नए कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को महीनों से एवरेज बिल देकर काम चलाया जा रहा है। विभाग के अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के 892 ग्रामों में कंपनी ने 30 से 35 हजार नए कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य की पूर्ति भी हो रही है, लेकिन नए उपभोक्ताओं के घरों में कनेक्शन पहुंचने के बाद मीटर नहीं लग पा रहा है।
कंपनी को भी नुकसान
बिजली बिल का भुगतान सही समय पर नहीं होने कारण पेंडेंसी लगातार बढ़ रही है। मार्च तक पेंडेंसी जहां 50 करोड़ की थी। वही अब बढ़कर 67 करोड़ जा पहुंची है।
बिजली बिल लगातार बढऩे का कारण घरों में मीटर नहीं लग पाना भी माना जा रहा है। यदि उपभोक्ताओं को सही-सलामत बिल मिले तो वे समय पर भुगतान कर दें।
मगर उपभोक्ताओं के घरों में मीटर नहीं होने से विभाग को भी नुकसान हो रहा है।
मीटर जल्द हो रहे खराब
घरों में लगे मीटर को उपभोक्ता भी खराब कर देते हैं। बिजली चोरी की नीयत से वे मीटर से छेड़छाड़ करते है। इसके चलते मीटर खराब होते हैं। इस बात की पुष्टि तब होती है,
जब विद्युत कंपनी के कर्मचारी बिजली चेङ्क्षकग करने के लिए गांव की ओर कूच करते हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, गांव के 50 फीसदी मीटर खराब पाए गए हैं। इसका प्रमुख कारण मीटर से छेड़छाड़ करना बताया जा रहा है।
नया कनेक्शन देने के बाद कंपनी की ओर से उपभोक्ताओं इस बात की जानकारी नहीं मिल रही है कि उनके घरों में कितने यूनिट बिजली की खपत हो रही है।
खपत के हिसाब से उनसे बिजली बिल कितना वसूला जा रहा है, इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। ऐसे में बिजली बिल अदा करते समय विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।
उपभोक्ता बिजली खपत कम रहे हैं और उनसे बिल अधिक लिया जा रहा है। लोगों का मानना है कि विवाद तब थमेगा जब उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लग जाएंगे और सही रीडिंग होगी।
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