scriptअब आधार कार्ड के जरिए होगी दुधारू मवेशियों की पहचान | Now, through the base card will identify milch cattle | Patrika News

अब आधार कार्ड के जरिए होगी दुधारू मवेशियों की पहचान

locationजांजगीर चंपाPublished: Dec 10, 2016 01:04:00 pm

अब दुधारू पशुओं के भी आधार जैसे पहचान पत्र बनेंगे।
गाय-भैंस और बकरी के कान के पीछे धातु का छोटा-सा टैग या बिल्ला लगाया
जाएगा, जिसमें राज्य के कोड के साथ ही उस मवेशी की पहचान संख्या होगी।

Now, through the base card will identify milch cat

Now, through the base card will identify milch cattle

जांजगीर-चांपा. अब दुधारू पशुओं के भी आधार जैसे पहचान पत्र बनेंगे। गाय-भैंस और बकरी के कान के पीछे धातु का छोटा-सा टैग या बिल्ला लगाया जाएगा, जिसमें राज्य के कोड के साथ ही उस मवेशी की पहचान संख्या होगी।
पशु चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, दुधारू पशुओं के आधार कार्ड बनाए जाने के पीछे का महत्वपूर्ण कारण यह है कि इससे बेहतर नस्ल को आगे बढ़ाया जा सकेगा। पशुधन उत्पादन बढ़ाने के लिए उचित खान-पान दिया जा सकेगा।

मवेशियों को पहचान पत्र मुहैया कराने का मकसद प्रदेश सहित देश में दूध उत्पादन बढ़ाना है। विभाग के अफसरों ने बताया कि मवेशी की नस्ल, प्रजनन की जानकारी एक कार्ड में तैयार होगी। इसकी एक कॉपी पशुपालक के पास होगी। वहीं दूसरी कापी मैदानी सरकारी अमले के पास होगी। पशुधन का पहचान कार्ड बनेगा, जिसे पशु के गले पर टैग लगाया जाएगा। इसके लिए जिले के ग्रामीण इलाकों में जानकारी एकत्रित करने का काम शुरू हो चुका है।

बताया जा रहा है कि जानकारी एकत्रित होने के बाद पहचान पत्र जारी किया जाएगा।
हेल्थ कार्ड के जरिए चिकित्सकों को मवेशियों के स्वास्थ्य परीक्षण में अधिक आसानी होगी। दुधारू पशुओं के पहचान पत्र और स्वास्थ्य पत्र राज्य सरकार की मदद से लागू किए जाएंगे। विभागीय अफसरों का कहना है कि कि देशी गायों की जितनी नस्लें हैं, उनमें 70 प्रतिशत छोटे और गरीब किसानों के पास हैं। इन सबका पहचान पत्र यानी आधार कार्ड बनेगा।

इसमें पशु से संबंधित सभी जानकारी होगी, जिसके जरिए उच्च गुणवत्ता वाली नस्ल विकसित करने की दिशा में काम किया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे छोटे और गरीब किसानों की आय भी बढ़ेगी, जो ज्यादातर देशी गाय पालते हैं। देशी गायों को खास पहचान मुहैया करने के साथ ही उनका हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा, जिसमें दूध उत्पादन, किसी पूर्व बीमारी से ग्रसित रहने सहित सामान्य स्वास्थ्य जानकारियां शामिल होंगी।
आधार कार्ड जारी होने के बाद पशुपालक या किसानों को उनके दुधारू मवेशियों की अलग पहचान मिलेगी। साथ ही पशुओं को जल्द उपचार मिल सकेगा। दूध उत्पादन में यदि गिरावट आती है तो डाटाबेस के आधार पर डाइट बढ़ाकर उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इससे दुधारू पशुओं की संख्या में वृद्धि होगी।
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