अंधेरे में डूब सकता है जिला मुख्यालय
जिला मुख्यालय की नगरपालिका पर विद्युत विभाग का 80 लाख रुपए का बिल बकाया
है। दो दिन के भीतर यदि पालिका ने बकाया बिजली बिल अदा नहीं किया तो
विद्युत वितरण कंपनी कनेक्शन काट देगी।
The district headquarters may plunged into darkness
जांजगीर-चांपा. जिला मुख्यालय की नगरपालिका पर विद्युत विभाग का 80 लाख रुपए का बिल बकाया है। दो दिन के भीतर यदि पालिका ने बकाया बिजली बिल अदा नहीं किया तो विद्युत वितरण कंपनी कनेक्शन काट देगी।
दिलचस्प बात यह है कि पालिका के जिम्मेदार अफसर बिल बकाया होने के संबंध में जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं।
उनका यह भी कहना है कि पालिका की माली हालत काफी खराब है। ऐसे में पालिका अपने कर्मचारियों को अभी वेतन देने की स्थिति में नहीं है तो बिजली का बिल कहां से अदा होगा।
जिला मुख्यालय जांजगीर के नगरपालिका की माली हालत खराब है। नोटबंदी के फेर में शहर के लोगों ने पुराने नोटों के माध्यम से करीब 50 लाख रुपए का टेक्स जमा किया था।
उस राशि का उपयोग लंबित वेतन के भुगतान में कर दिया गया। कर्मचारियों को अब फिर वेतन देने के लिए पालिका के फंड में राशि नहीं है।
ऐसी स्थिति में शहरवासियों के लिए एक बुरी खबर यह है कि यदि पालिका आने वाले दिनों में 80 लाख रुपए का बकाया बिल का भुगतान नहीं करती है
तो विद्युत वितरण कंपनी की टीम नगरपालिका के सभी तरह के कनेक्शनों को काट देगी। अगर ऐसा हुआ तो जिला मुख्यालय की सड़कें अंधेरे के आगोश में समा जाएंगी।
वहीं शहर के वार्डों की जल प्रदाय व्यवस्था भी चरमरा जाएगी। शहर के चारों ओर लगी स्ट्रीट लाइटें बंद हो जाएंगी। शहर के गार्डन अंधेरे में डूब जाएंगे।
साथ ही नगर पालिका के बिजली से संबंधित सारे उपकरण ठप हो जाएंगे, जिसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि विद्युत वितरण कंपनी इन दिनों बकाया बिल की वसूली कर रही है। सबसे अधिक जिला मुख्यालय में बिल बकाया है। चार करोड़ की बकाया वसूली के लिए विद्युत वितरण कंपनी के अफसरों ने पसीना बहाना शुरू कर दिया। वसूली के लिए कंपनी की टीम घर-घर दस्तक दे रही है।
पालिका के खाते में फूटी कौड़ी नहीं
नगरपालिका के कर्मचारियों को दिसंबर माह का वेतन अब तक अप्राप्त है। इधर, जनवरी माह का आधा दिन बीत चुका है। इसके बाद भी कर्मचारियों को दिसंबर माह के वेतन के लाले हैं।
बताया जा रहा है कि पालिका के खाते में अभी फूटी कौड़ी नहीं है। जब कर्मचारियों के वेतन के लिए पैसे नहीं है तो बिजली बिल के लिए कहां से राशि आएगी। अलबत्ता, आने वाले दिनों में शहर की बिजली व्यवस्था चौपट होने की संभावना है।
सीएमओ छुट्टी पर, प्रभारी बेपरवाह
नगरपालिका परिषद जांजगीर-नैला के सीएमओ इन दिनों छुट्टी पर हैं। उनके बाद दूसरे क्रम में असिस्टेंट इंजीनियर अनूप सोनी हैं, जो वर्तमान में पालिका की व्यवस्था संभाल रहे हैं।
जिम्मेदार अधिकारी को पता भी नहीं है कि पालिका का 80 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी है।
इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पालिका के अधिकारी आखिरकार कितने जिम्मेदार हैं। जानकारी के अनुसार, नपा में सर्वाधिक वेतन करीब 70 हजार रुपए इन्हीं को मिलता है।
वेतन के रूप में इतनी राशि सीएमओ को नहीं मिलती। फिर भी वे अपनी जिम्मेदारी के प्रति कितने सजग हैं, इसका अंदाजा उनके जवाब से लगाया जा सकता है।
उनका कहना है कि सीएमओ की छुट्टी में जाने के बाद यहां का प्रभार चांपा सीएमओ देख रही हैं।