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तीन झोलाछाप डॉक्टरों के दवाखाने सील

locationझाबुआPublished: Jul 17, 2016 12:15:00 am

Submitted by:

Gitesh Dwivedi

बिना डिग्री के उपचार करते मिले, मरीजों को चढ़ा रहे थे बोतल, दवाइयां जब्त

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झाबुआ . राजस्व व पुलिस अमले ने शनिवार को स्वास्थ्य अमले के साथ शहर में संचालित झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई कर तीन दवाखाने सील किए।


शनिवार को ही पत्रिका ने झोलाछापों की खबरें लगातार प्रकाशित की थीं। जिस पर कलेक्टर डॉ. अरुणा गुप्ता ने सुबह ही एसडीओ राजस्व एसए अली, सिविल सर्जन डॉ. बीएस बघेल, एसडीओपी एसआर परिहार व तहसीलदार प्रवीण पाटीदार को कार्रवाई के निर्देश दिए। टीम सबसे पहले सिद्धे्रश्वर कॉलोनी पहं़ची। जहां से रोहीदास मार्ग पर स्थित क्लिनिक पर गई, जो बंद मिला। इसे कोई बंगाली डॉक्टर अधिकारी चलाता है। इसके बाद यहां संचालित दो होम्योपैथी क्लिनिकं पर पूछताछ की। जिन्होंने बताया कि वे लोग होम्योपैथी दवाईयों का व्यापार करते हैं। इसके बाद टीम आस्था क्लिनिक पहुंची। इसके संचालक पीके अधिकारी अपने यहां राकेश बाबू भाबोर बिलीडोज और कालिया सोलिया नाडिय़ा निवासी अयोध्या बस्ती का एलोपैथी पद्धति से उपचार करते मिले। टीम ने पंचनामा बनाकर क्लिनिक सील किया। इसी के समीप रजत लेबोरेटरी की भी जांच की गई। इसके बाद टीम भोजमार्ग पहुंची। यहां क्लिनिक चलाने वाला फर्जी डॉक्टर अपना दवाखाना बंद कर नदारद हो चुका था। इसके बाद टीम ने किशनपुरी में छापा मारा। यहां स्थित एक दवाखाने में एलोपैथी दवाओं का जखीरा मिला। इसमें टोरेक्स जूनियर व टोरेक्स एपी सीरप जो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं दिए जा सकते मिले। यहीं पर बच्चों को दी जाने वाली सेफ्रीडॉक्स दवा मिली।
संचालक रितेश अत्रे एक महिला मुन्नीबाई को बोतल चढ़ा रहा था। टीम ने बोतल निकलवाकर मुन्नीबाई के बयान लिए और 24 प्रकार की एलोपैथी दवाइयां, बीपी इस्ट्रुमेंट सहित कई मरीजों की जांच रिपोर्ट और क्लिनिक संचालक द्वारा लिखी दवा की पर्चियां जब्त की।
रितेश अत्रे ने बताया कि उसने दो माह रामा ब्लॉक में मलेरिया माइक्रोस्कोप की ट्रेनिंग ली है। संचालक ने दुकान के रजिस्ट्रेशन के नीचे डॉ. मोहनलाल भाटी भोपाल के नाम की डिग्री लगा रखी थी। टीम ने क्लीनिक सील किया। इसी के समीप स्थित बड़ौदा दवाखाने से 89 प्रकार की एलोपैथी दवाईयां बरामद की गई। संचालक हिमांशु वाघेला ने बताया कि वह बड़ौदा से यहां आकर दवाखाना चला रहा है। इसे सील किया गया। एक अन्य दवाखाना खुला मिला। संचालक नदारद था। टीम ने काफी देर इसके संचालक के आने का रास्ता देखा, लेकिन कार्रवाई की बात सुनकर वह नहीं आया। कार्रवाई के दौरान डॉ. जितेंद्र बामनिया, डॉ. विजेंद्र, सुपरवाइजर इरफान हुसैन, उप निरीक्षक केशरसिंह पांडव, प्रधान आरक्षक दिनेश हाड़ा, आरक्षक ललित कटारे, भूपेंद्र गुर्जर व गिरधावर केशरसिंह हाड़ा शामिल थे।
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