झांसी. यूपी चुनावों का बिगुल फूंकने महोबा आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली के मौके पर किसानों के लिए किसी बड़े तोहफे की घोषणा कर सकते हैं। इसी उम्मीद में करीब 20 हजार किसान पीएम मोदी की रैली में शामिल होने जा रहे हैं। इस रैली के लिए किसानों ने अपनी अलग ही रणनीति बना रखी है। अगर कोई घोषणा नहीं होती है, तो रैली में सबसे आगे बैठे हजारों किसान प्रधानमंत्री के सामने किसान आयोग के गठन और कर्ज माफी जैसी मांगें रखेंगे।
भीड़ से अलग दिखने को किसान लगाएंगे अलग टोपी
बुंदेलखंड किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी बात रखने के लिए अलग ही तरह की प्लानिंग की है। झांसी में हुए किसानों के कार्यक्रम में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया। किसानों ने पीएम की रैली में पहुंचने के लिए 20 हजार का लक्ष्य रखा है। सभी किसान रैली स्थल पर सबसे पहले पहुंचकर सबसे आगे वाला स्थान ग्रहण कर लेंगे। इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओँ की भीड़ से अलग दिखने के लिए भी किसानों ने योजना बना रखी है। इसके लिए किसान बुंदेलखंड किसान यूनियन लिखी हुई अलग रंग की टोपी लगाकर रैली में पहुंचेंगे।
कीरत सागर तालाब पर इकट्ठे होंगे किसान
बुंदेलखंड किसान यूनियन के किसानों ने तय किया है कि दूरस्थ अंचलों के किसान रात में ही महोबा पहुंच जाएंगे। आसपास के इलाकों के किसान सुबह जल्दी ही महोबा पहुंच जाएंगे। वहां सारे किसान कीरत सागर तालाब पर इकट्ठे होंगे। वहां से सभी किसान साथ में रैली स्थल पर पहुंचेंगे।
किसान आयोग का गठन और कर्ज माफी की होगी मुख्य मांग
बुंदेलखंड किसान आयोग के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री के सामने बैठकर किसान आयोग के गठन की मांग रखी जाएगी। इसके अलावा सूखे की मार झेल चुके बुंदेलखंड के किसानों के कर्ज माफी के लिए भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया जाएगा। किसान नेताओं ने किसानों के बीच यह भी संदेश दिया है कि जितनी ज्यादा संख्या में किसानों की रैली में हिस्सेदारी होगी, उतना ही ज्यादा असर सत्ताधारी नेताओं पर पड़ेगा और कर्ज माफी की उम्मीद भी बढ़ जाएगी।
वायदा याद दिलाने जाएंगे पृथक बुंदेलखंड राज्य समर्थक
इसके अलावा बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा की बैठक डा.बाबूलाल तिवारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में तय किया गया कि पृथक बुंदेलखंड राज्य का वायदा याद दिलाने के लिए प्रधानमंत्री की रैली में मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता महोबा पहुंचेंगे।