केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकारों की तमाम घोषणाएं किसानों को राहत देने के लिए नाकाफी साबित होती नजर आ रही है।
झांसी. केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकारों की तमाम घोषणाएं किसानों को राहत देने के लिए नाकाफी साबित होती नजर आ रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झांसी जिले में एक और कर्जदार किसान ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।
गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज
उल्दन क्षेत्र का है मामला
कर्जदार किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने का यह मामला उल्दन थाना क्षेत्र का है। उल्दन क्षेत्र के ग्राम सिजारा निवासी प्रमोद पटेल पुत्र जुगराज कई दिनों से परेशान चल रहा था। उसने किसान क्रेडिट कार्ड पर तीन लाख रुपये का लोन ले रखा था। इसके अलावा उसने साहूकारों से भी करीब दो लाख रुपये कर्ज लिया था। उसे उम्मीद थी कि इस बार फसल बेहतर होने पर वह आसानी से इस कर्ज की अदायगी कर सकेगा। हालांकि, इस बार फसल अच्छी नहीं होने के कारण वह मायूस हो गया।
ये है परिजनों का कहना
परिजनों के अनुसार फसल ठीक न होने के कारण वह कर्ज नहीं चुका पा रहा था। इससे वह परेशान रहने लगा। इसी बीच वह पड़ोस में स्थित कच्ची शराब के अड्डे पर गया। वहां से वह कच्ची शराब ले आया। अधिक मात्रा में उसने शराब पी, इससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। इसी बीच उसने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। इससे हालत गंभीर होने पर उसको नजदीकी चिकित्सालय ले जाया गया। वहां से उसे मेडिकल कालेज के लिए रेफर दिया गया। इस पर उसे यहां मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।