मुकुन्दगढ़। शेखावाटी की
प्राचीन हवेलियों की भव्यता व नक्काशी वाकई आकर्षक है। हवेलियों में उकेरे गए
प्राचीन भित्ति चित्रों की बारीक कारीगरी अचंभित करती है। यह कहना है जर्मनी की
हाईडल बर्ग यूनिवर्सिटी की छात्रा सौम्या अग्रवाल का। मूल रूप से नई दिल्ली की रहने
वाली शौम्या जर्मनी की यूनिवर्सिटी से शेखावाटी की हवेलियों पर पीएचडी कर रही है।
वह इन दिनों अपने शोध कार्य के लिए शेखावाटी आई हुई है।
चार महीनों से जुटी
है शोध कार्य में
छात्रा शौम्या करीब चार महीनों से शेखावाटी की हवेलियों का
भ्रमण कर शोध कार्य में जुटी हुई है। शोर्घ कार्य के दौरान जहां वह प्राचीन भित्ति
चित्रों को कैमरे में कैद कर रही है। वहीं हवेलियों का निर्माण करवाने वाले सेठ
साहूकारों, निर्माण करने वाले कारीगरों, निर्माण की अवधि आदि जानकारी भी जुटा
रही है।
हवेलियों को संरक्षण की दरकार
शौम्या का कहना है कि शेखावाटी की
अधिकांश हवेलियां उचित सार संभाल के अभाव में अपनी आभा खोती जा रही है। इनको समय
रहते संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार व हवेली मालिकों को आगे आना
चाहिए।