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बालिग दुल्हनों से शादी करने पहुंचे नाबालिग दूल्हे, पुलिस ने रूकवाई शादी

locationजींदPublished: Nov 30, 2016 12:40:00 pm

दुल्हनें बालिग पाई गई वहीं बारात में आये दोनों दुल्हे नाबालिग निकले जिनकी उम्र मात्र 20 व 18 वर्ष पाई गई

Sikh marriages

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जींद। जिले में बाल विवाह का एक अनोखा मामला सामने आया है। जिले के गांव बहादुरगढ में रविवार को जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय द्वारा नाबालिग लड़कों की शादी को रुकवाया गया है। इस शादी में जहां दुल्हनें बालिग पाई गई वहीं बारात में आये दोनों दुल्हे नाबालिग निकले जिनकी उम्र मात्र 20 व 18 वर्ष पाई गई। ऐसे में जिले के दबलैन गांव से आई बारात को बिना दुल्हनों के ही वापिस घर लौटना पड़ा। विभाग द्वारा परिजनों से लिखित में लड़कों के बालिग होने तक शादी नहीं करवाने का बयान लिया गया।

जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर को चाइल्ड हैल्पलाईन से सूचना मिली थी कि दो नाबालिग लड़कों व लड़कियों की शादी करवाई जा रही है व दोनों की बारात भी आ चुकी है। दोनों लड़कियों के फेरों की तैयारी जारी है। इस पर कार्यवाही करते हुए बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय से रवि लोहान, एसपीओ सुरेशकुमार, महिला हेड कांस्टेबल गीता देवी, कांस्टेबल अशोक, चाइल्ड हैल्पलाईन से विनोद कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे तथा विवाह स्थल पर परिवार के लोगों से दोनों के जन्म पत्र मांगे गए तो दोनों लड़कियों की उम्र 18 व 19 वर्ष मिली व दोनों दुल्हनें बालिग मिली।

बारात में आये दोनों लड़कों के बालिग होने का प्रमाण पत्र मांगा गया तो पहले तो बारातियों ने कोई भी प्रमाण पत्र दिखाने में पहले तो आना कानी की और लगभग दो घंटे के बाद जो स्ट्रिफिकेट पत्र दिखाए उसमें दोनों ही दुल्हे नाबालिग निकले और दोनों लडके सगे भाई बाहरवीं कक्षा के छात्र मिले। इस पर कार्यवाही करते हुए टीम ने दोनों लड़कों का विवाह रोकने को कहा और तब तक शादी न करने को कहा जब तक लडके बालिग नहीं हो जाते। इस पर दबलैन गांव से आई बारात में हडकंप मंच गया।

जब दोनों के परिवारजनों से बातचीत की गई और दूल्हा व उसके परिवार के लोगों को मौके पर ही समझाया गया कि यह विवाह नहीं हो सकता क्योंकि दोनों लड़के नाबालिग हैं। तब कहीं जा कर परिवार के लोग माने और दोनों परिवारों ने इस पर विवाह स्थगित कर दिया तथा लड़कों के बालिग होने के बाद ही विवाह करने की बात कही और जिस कारण बारात को बिना दुल्हनों के ही दबलैन बैरंग लौटना पड़ा।
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