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सालभर में 68 फीसदी घटीं नौकरियां

Published: Jul 26, 2016 01:00:00 pm

उन युवाओं के लिए बुरी खबर है, जो जॉब की तलाश में हैं, 2014 की तुलना में 2015 में नौकरी के अवसरों में भारी कमी आई

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नई दिल्ली। यह उन युवाओं के लिए बुरी खबर है, जो जॉब की तलाश में हैं। 2014 की तुलना में 2015 में नौकरी के अवसरों में भारी कमी आई। 2014 में आठ प्रमुख औद्योगिक सेक्टर में जहां 4 लाख लोगों को जॉब मिली थी, वहीं 2015 में यह संख्या महज एक लाख तीस हजार रह गई.। इस तरह नौकरी के अवसरों में इस दौरान 68 फीसदी की बड़ी कमी आई। जबकि हर साल नौकरी की तलाश में 1.2 करोड़ नए लोग जॉब मार्केट के दरवाजे पर खड़े होते हैं।

हालांकि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार बेरोजगारी दर 5 फीसदी से भी कम है। इससे यह भी साफ है कि देश में बड़ी संख्या में छिपी हुई और आंशिक बेरोजगारी हैं। जिस तरह से देश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए अभी से लेकर 2050 के बीच 28 करोड़ जॉब पैदा करने की जरूरत है। सरकारी आंकड़ों में जिन सेक्टर को शामिल किया गया है, उनमें – टेक्सटाइल्स, जेम्स एंड ज्वैलरी और आईटी-बीपीओ शामिल हैं।



सरकारी आंकड़ा महज 5 फीसदी
देश में आधिकारिक रूप से बेरोजगारी दर 5 फीसदी से भी कम है। देश में बड़ी संख्या में छिपी हुई और आंशिक बेरोजगारी भी है।

– 04 लाख लोगों को 2014 में मिली जॉब
– 1.3 लाख लोगों को ही मिली 2015 में जॉब
– 1.2 करोड़ नए लोग आते हैं जॉब मार्केट में

फॉर्मल सेक्टर की हालत पतली
नौकरी के ये अवसर फॉर्मल सेक्टर के हैं। कुल रोजगार में इनका हिस्सा महज 10 फीसदी हो, लेकिन यह देश में जॉब के ट्रेड को जरूर बयां कर देता है। ऐसे में इनफॉर्मल सेक्टर की स्थिति की कल्पना करना सहज है।

टेक्सटाइल्स जॉब पैदा करने वाला बड़ा क्षेत्र
टेक्सटाइल्स जॉब पैदा करने वाला सबसे बड़ा सेक्टर बना हुआ है। पिछले तीन साल में इस सेक्टर ने 499000 जॉब पैदा कीं। हालांकि जॉब की संख्या में इन वर्षों के दौरान 75 फीसदी से अधिक की कमी आई है।

आईटी/बीपीओ सेक्टर दूसरे नंबर पर
फॉर्मल सेक्टर में रोजगार सृजन के मामले में आईटी/बीपीओ सेक्टर दूसरे नंबर पर बना हुआ है। पिछले तीन वर्षों में इस सेक्टर ने 378,000 जॉब पैदा की। ट्रांसपोर्ट व हैंडलूम सेक्टर की हालत अच्छी नहीं है।


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